अयोध्या: राम मंदिर के चारों दिशाओं में एक किमी तक का होगा परकोटा, निर्माण का 40 फीसदी काम पूरा
अयोध्या। अयोध्या में भव्य राम मंदिर में भक्तों के लिए परकोटे का निर्माण चारों दिशाओं में तकरीबन एक किलोमीटर का होगा, जिस पर परिक्रमा की जा सकेगी। रिटेनिंग वॉल में जेसीबी से मिट्टी डालकर लेवलिंग का काम किया जा रहा है। इसके पूरा होते ही परकोटे का निर्माण व रिटेनिंग वॉल को उठाने का काम …
अयोध्या। अयोध्या में भव्य राम मंदिर में भक्तों के लिए परकोटे का निर्माण चारों दिशाओं में तकरीबन एक किलोमीटर का होगा, जिस पर परिक्रमा की जा सकेगी। रिटेनिंग वॉल में जेसीबी से मिट्टी डालकर लेवलिंग का काम किया जा रहा है। इसके पूरा होते ही परकोटे का निर्माण व रिटेनिंग वॉल को उठाने का काम शुरू हो जाएगा। अब तक मंदिर का 40 फीसदी निर्माण पूरा हो चुका है। मंदिर को मिलने वाली धातुओं को सहेजने के लिए भारत सरकार की संस्था मिंट के विशेषज्ञों से भी बात चल रही है।
मंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक सर्किट हाउस में देर शाम संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने की। बैठक के समापन के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह एक रूटीन बैठक थी, जिसमें अगले छह माह बाद होने वाले कार्यों के बारे में चर्चा होती है। हमारी दो दिन की बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा मंदिर के परकोटे का रहा। क्योंकि भक्त उसमें परिक्रमा करेंगे। इसलिए परकोटे में किस तरह के पत्थर लगाए जाए, इस पर मंथन हुआ।
गर्मी में गर्म न हों, ठंड में ठंडे न हों, फिसलन न हों। चंपत राय ने बताया कि मंदिर के बाहर किस तरह से लाइट लगे। देखा जाता है कि संसद भवन व राष्ट्रपति भवन के बाहर से दूर से लाइटें पड़ती हैं। वे खूब चमचमाते हैं। ठीक उसी तरह मंदिर में कौन सी लाइट लगे और कहां लगे।
इस पर चर्चा हुई। यह भी चर्चा का विषय रहा है कि मंदिर पर रोशनी प्रतिदिन पड़े या फिर तीज त्योहारों पर। मंदिर तो छायाकार है, लेकिन बाहर परिक्रमा मार्ग खुला है। इस पर विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। क्योंकि गर्मी में परिक्रमा के दौरान भक्तों के पैर न जले। बैठक में ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, एलएंडटी व टाटा कंस्लटेंसी के अधिकारी व अन्य मौजूद रहे।
सोने-चांदी के सिक्के व मेडल बनाने का काम करती है मिंट
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का ऐलान होते ही दानदाताओं ने सोने-चांदी व अन्य धातुओं की बारिश कर दी है। चंपत राय ने बताया कि इन्हें बैंकों में कितना और अब तक रखा जा सकता है। इन्हें सहेजने के लिए भारत सरकार की संस्था मिंट से वार्ता चल रही है। बैठक के दौरान मिंट के विशेषज्ञों ने भी अपनी राय रखी। अभी ये लंबा प्रॉसेस है। वार्ता अभी चल ही रही है। मिंट सोने-चांदी के सिक्के व मेडल बनाने का काम करती है। इसके साथ ही मिंट सिक्कों को गलाने का भी काम करती है।
2023 तक भूतल निर्माण का है लक्ष्य
राम मंदिर निर्माण को लेकर शनिवार को ट्रस्ट ने विहंगम तस्वीरें जारी की हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने निर्माण संबंधित फोटो जारी करते हुए बताया कि मंदिर निर्माण कार्य अपने समयानुसार चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह पर नक्काशीदार पत्थरों को लगाया जा रहा है। दिसंबर 2023 तक मंदिर के भूतल निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
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