अयोध्या: भारी बारिश के बीच विसर्जन, भंडारा आयोजकों को 20 लाख का नुकसान

अमृत विचार, अयोध्या। देवी मां के विसर्जन के समय बारिश ने श्रद्धालुओं के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। बुधवार दोपहर तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन उसके बाद हुई झमाझम बरसात ने मां को विदाई देने पहुंचे लोगों को लौटने पर मजबूर कर दिया। आलम यह रहा कि आयोजक भारी संख्या में पहुंचे …
अमृत विचार, अयोध्या। देवी मां के विसर्जन के समय बारिश ने श्रद्धालुओं के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। बुधवार दोपहर तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन उसके बाद हुई झमाझम बरसात ने मां को विदाई देने पहुंचे लोगों को लौटने पर मजबूर कर दिया। आलम यह रहा कि आयोजक भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का इंतजाम कर रखे थे, लेकिन उनके न पहुंचने से एक अनुमान के तहत 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
जीआईसी से निकले विजर्सन जुलूस को सांसद लल्लू सिंह, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, जिलाधिकारी नितीश कुमार व एसएसपी प्रशांत वर्मा ने केंद्रीय दुगार्पूजा एवं रामलीला समन्वय समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। विसर्जन जुलूस के स्वागत के लिए चौक में पंडाल लगाया गया था, जहां जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने देवी प्रतिमाओं व भक्तों पर पुष्पवर्षा कर उनका उत्साहवर्धन किया।
केंद्रीय दुगार्पूजा एवं रामलीला समन्वय समिति के अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने बताया कि जीआईसी में एकत्र हुई विभिन्न समितियों की लगभग 750 मूर्तियों को निर्मलीकुंड व गुप्तारघाट पर स्थित सरयू में सकुशल विसर्जित कर दिया गया। जुलूस में शामिल भक्तों का उत्साह ज्यादा था कि तेज बारिश भी उनके हौसले को नहीं डिगा पाया, भक्त पूरे रास्ते नाचते-गाते मां को विदा कर रहे थे। रामनगरी की दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन गुरुवार को परंपरागत रूप से शोभायात्रा निकालकर सरयू के घाट पर किया गया।
ग्रामीण इलाकों में हुआ मूर्ति विसर्जन
बीकापुर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच 98 देवी मूर्तियों का विसर्जन हुआ। चौरे बाजार और मोतीगंज क्षेत्र में स्थापित देवी मूर्तियों का विसर्जन पूर्णिमा के दिन होगा। तारुन प्रतिनिधि के अनुसार तमसा नदी के ऐमिघाट, गौराघाट व विसुही पर तकमीनगंज में देवी मूर्तियों को विसर्जित किया गया। रुदौली प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के गोमती नदी रीछघाट तट व माँ कामाख्या घाट पर लगभग 222 मूर्तियों का विसर्जन हुआ। सोहावल प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के ढेमवा घाट व सिंहोरा घाट पर कुल 181 मूर्तियां विसर्जित की गर्इं। पूराबाजार प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में स्थापित 257 देवी मूर्तियों का भरतकुंड सरोवर व दशरथ समाधि स्थल के बगल मूडाडीहा में 25 मूर्तियों का विसर्जन हुआ। जाना बाजार प्रतिनिधि के अनुसार विभिन्न पूजा पंडालों पर स्थापित 42 देवी मूर्तियों को विसुही नदी पर विसर्जित किया गया।
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