बरेली: भीड़ कम करने के लिए बैंकों में भेजे गए लाभार्थी हुए परेशान

बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के दूसरे दिन लगाए गए शिविर में लाभार्थियों की भीड़ न जुटे, इसलिए उन्हें लोन की जानकारी देने के साथ संबंधित बैंकों में भेज दिया गया। जबकि इस शिविर में लाभार्थियों की सारी औपचारिकता एक साथ पूरी करने के साथ उनके कर्ज …
बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के दूसरे दिन लगाए गए शिविर में लाभार्थियों की भीड़ न जुटे, इसलिए उन्हें लोन की जानकारी देने के साथ संबंधित बैंकों में भेज दिया गया। जबकि इस शिविर में लाभार्थियों की सारी औपचारिकता एक साथ पूरी करने के साथ उनके कर्ज को स्वीकृति देनी थी।
शिविर के पहले दिन हुई धक्का-मुक्की व हंगामा की घटना को देखते हुए दूसरे दिन अधिकारियों ने शिविर को लेकर अपनी योजना बदल ली। हालांकि बड़ी संख्या में शिविर में पहुंचे लाभार्थी बैंक जाने के बजाय वापस घर चले गए। इससे शिविर का मकसद भी पूरा नहीं हो सका।
कोरोना काल में तंगी से जूझ रहे फड़ विक्रेताओं को ब्याज रहित 10 और 20 हजार रुपये का लोन उपलब्ध कराने के लिए डूडा ने दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में तमाम बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ ही डूडा व नगर निगम का स्टाफ भी मौजूद था लेकिन पहले दिन मंगलवार को जबरदस्त अव्यवस्था की वजह लाभार्थियों के बीच काफी धक्का-मुक्की हुई।
इस वजह से यहां कोरोना गाइड लाइन भी तार-तार हो गई थी। एक दिन की बदइंतजामी को देखते हुए डूडा के अधिकारियों के दूसरे दिन योजना में बदलाव किया और शिविर में ज्यादा भीड़ न जुटे, इसलिए यहां आने वाले लाभार्थियों की समस्या का समाधान शिविर में करने के बजाय उन्हें बैंकों में भेज दिया गया।
अधिकारियों का कहना था कि लोन की प्रक्रिया बैंकों को ही पूरी करनी है। हालांकि शिविर का मकसद यह था कि इसमें जो भी फड़ विक्रेता आएं, उनकी सभी औपचारिकता शिविर में ही पूरी करने के साथ ही बैंक प्रतिनिधियों के माध्यम से उनके लोन की स्वीकृति दिलाई जाए। शिविर में अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने भी पहुंचकर डूडा के परियोजना अधिकारी शैलेंद्र भूषण को शिविर में कोई अव्यवस्था न होने की हिदायत दी।
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