महत्वपूर्ण यात्रा

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से एक माह पहले हो रही है। यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत ने भी अफगानिस्तान में तालिबान के साथ संघर्ष बढ़ने और वहां सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन …
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत यात्रा अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से एक माह पहले हो रही है। यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत ने भी अफगानिस्तान में तालिबान के साथ संघर्ष बढ़ने और वहां सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि इराक में अमेरिकी युद्धक अभियान वर्ष के अंत तक खत्म हो जाएगा और आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रहेगा। आईएसआईएस के खिलाफ साझा लड़ाई क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
अमेरिका के विदेश मंत्री के भारत दौरे पर पाकिस्तान सहित चीन आदि पड़ोसी देशों की नजरें टिकी हुई हैं। इस दौरे से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को नसीहत दी थी कि आपसी मसले सुलझाकर एक-दूसरे के साथ काम करने की जरूरत है। एक दिन पहले ही अमेरिका और चीन के बीच उच्च स्तरीय वार्ता में चीन ने अमेरिका पर द्विपक्षीय संबंधों में ‘गतिरोध’ पैदा करने का आरोप लगाया।
उम्मीद है कि ब्लिंकन की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, डिजिटल क्षेत्र, नवाचार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में तथा अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ब्लिंकन की मुलाकात बुधवार को होगी।
यात्रा उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता को जारी रखने और भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का एक अवसर है। अमेरिकी विदेश मंत्री बनने के बाद ब्लिंकन की यह पहली भारत यात्रा है। इससे पहले मार्च में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अप्रैल में जलवायु परिवर्तन मामलों पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी भारत आए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर गत मई में अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं।
तब ब्लिंकन ने कहा था कि कोविड-19 के आरंभिक दिनों में भारत ने अमेरिका का साथ दिया, जिसे उनका देश हमेशा याद रखेगा। अब हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम भारत के लिए और उसके साथ खड़े रहें। ध्यान रहे पिछले वर्षों में अमेरिका ने एक तरफ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को मजबूत किया और भारत की इसमें बड़ी भूमिका भी सुनिश्चित की।
साथ ही अमेरिका ने भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के साझा सामरिक सहयोग के मंच क्वाड को भी मजबूती दी। दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध और साझा मूल्य अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी का आधार है।