नई दिल्ली: रिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात होंगे दूसरी पैथी के डॉक्टर

नई दिल्ली: रिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात होंगे दूसरी पैथी के डॉक्टर

ज्ञानेंद्र सिंह, अमृत विचार। कोरोना की तीसरी लहर से पहले देश के अधिकांश सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, चिकित्सा उपकरणों से लैस नहीं हो पाएंगे। क्योंकि 23,467 डॉक्टरों के पद खाली होने से सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज नहीं देखे जा रहे है। इनमें वैकल्पिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए दूसरी पैथी के डॉक्टरों को …

ज्ञानेंद्र सिंह, अमृत विचार। कोरोना की तीसरी लहर से पहले देश के अधिकांश सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, चिकित्सा उपकरणों से लैस नहीं हो पाएंगे। क्योंकि 23,467 डॉक्टरों के पद खाली होने से सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्रों में मरीज नहीं देखे जा रहे है। इनमें वैकल्पिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए दूसरी पैथी के डॉक्टरों को तैनात करने का फैसला किया गया है।

दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान आने वाले मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का एलान किया था। जिसके तहत प्रत्येक केंद्र में कम से कम 10 बिस्तर, ऑक्सीजन एवं अन्य चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवाना था। लेकिन जब राज्य सरकारों ने यह बताया कि अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर या तो है नहीं या फिर तैनात डॉक्टर लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने दूसरे विकल्पों पर विचार करना शुरू किया था।

उसी के तहत दाग रहित स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुर्वेद दिया होम्योपैथी के डॉक्टरों को वैकल्पिक चिकित्सक के रूप में तैनात करने का फैसला लिया गया है ताकि करो ना ग्रस्त यदि कोई बच्चा या वयस्क आता है तो यह डॉक्टर संभावित लक्षणों के आधार पर मरीज को प्राथमिक चिकित्सा देंगे और जिला अस्पतालों के लिए रेफर करेंगे।

तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार को सामुदायिक केंद्रों पर बहुत भरोसा था। क्योंकि सामुदायिक केंद्रों में एक जनरल फिजीशियन, एक सर्जन, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं एक बाल रोग विशेषज्ञ (4 डॉक्टरों की टीम) रहते हैं मगर ज्यादातर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मात्र एक-एक डॉक्टर के भरोसे संचालित हो रहे हैं। इस समय पूरे देश में 5 हजार से ज्यादा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। जिसमें 3,331 फिजीशियन, 4,087 सर्जन, 3,611 स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं 3,800 बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। इसी तरह पूरे देश में करीब 25 हजार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जिसमें 8,638 डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं।

स्वास्थ्य केंद्रों में आयुर्वेद एवं होम्योपैथी के डॉक्टरों को तैनात करने के पीछे सरकार का तर्क है कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान किसी भी मरीज की जांच पड़ताल एवं प्राथमिक चिकित्सा होम्योपैथी एवं आयुर्वेद के डॉक्टर कर सकते हैं। इसलिए दूसरे पैथी के डॉक्टरों को तैनात किया जाएगा ताकि किसी भी मरीज की हालत बिगड़ने से पहले उसे कम से कम प्राथमिक चिकित्सा मिल सकेगी और गंभीर स्थिति होने पर ये डॉक्टर तत्काल सरकारी एंबुलेंस के माध्यम से मरीज को जिला एवं बड़े सरकारी अस्पतालों में रेफर भी करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों से यह भी कहा है कि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अंग्रेजी डॉक्टरों को तैनात करने के लिए कोई आकर्षक नीति तैयार की जाए। भर्ती के नियमों को शिथिल करने की भी बात चल रही है। इसके लिए जल्दी ही डॉक्टरों का भर्ती अभियान शुरू किया जाएगा।

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