मप्र छोड़ सभी राज्यों ने स्कूलों को खोलने की सिफारिश ठुकराई

मप्र छोड़ सभी राज्यों ने स्कूलों को खोलने की सिफारिश ठुकराई

ज्ञानेंद्र सिंह, नई दिल्ली, अमृत विचार। देश में प्राइमरी स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच तकरार जारी है। मध्य प्रदेश को छोड़कर ज्यादातर राज्यों ने फिलहाल प्राइमरी स्कूल खोलने से इनकार किया है। केंद्र सरकार ने एक माह पूर्व राज्य सरकारों से स्कूल खोलने की सिफारिश की थी। उल्लेखनीय है कि …

ज्ञानेंद्र सिंह, नई दिल्ली, अमृत विचार। देश में प्राइमरी स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच तकरार जारी है। मध्य प्रदेश को छोड़कर ज्यादातर राज्यों ने फिलहाल प्राइमरी स्कूल खोलने से इनकार किया है। केंद्र सरकार ने एक माह पूर्व राज्य सरकारों से स्कूल खोलने की सिफारिश की थी।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट की दूसरी लहर के दौरान बंद किए गए स्कूलों को खोलने पर विचार तब शुरू हुआ जब दूसरी लहर पर लगभग काबू पा लिया गया था। जिसमें ज्यादातर चिकित्सा समुदाय के विशेषज्ञों से राय ली गई थी और उसी आधार पर शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से प्राइमरी स्कूलों को खोलने की सिफारिश की थी। इसके लिए एक माह पूर्व राज्यों को दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे। जिसमें शिक्षकों एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों का अनिवार्य टीकाकरण व कुछ अन्य शर्तें शामिल थीं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को वहां की ताजा स्थिति के अनुसार फैसला लेने के लिए स्वतंत्र किया था।

मगर ज्यादातर राज्यों ने केंद्र की उक्त सिफारिश को मानने से इनकार कर दिया है और स्कूल खोलने का फिलहाल किसी भी राज्य से कोई संकेत नहीं मिला है। सिर्फ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनके यहां जिला स्तर पर प्राइमरी स्कूलों को खोलने की चर्चा जारी है और अगस्त से प्राइमरी स्कूल के बच्चों की क्रमश: उपस्थिति शुरू हो जाएगी।

जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर वे कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते है। जब तक टीकाकरण का कार्य पूरा नहीं हो जाता तब तक प्राइमरी स्कूल नहीं खुलेंगे। दिल्ली में प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को 70 फीसद से ज्यादा ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।

इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में प्राइमरी स्कूलों को खोलने के लिए शिक्षा विभाग को दिशा निर्देश दिए हैं लेकिन राज्य में प्राइमरी स्कूल कब तक खोले जाएंगे, कोई तारीख तय नहीं है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगना से प्राप्त हुई है। जहां पर शिक्षकों ने कहा है कि जब तक बच्चों का टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक स्कूल खोलना खतरे से खाली नहीं है। इन राज्यों ने अभिभावको का पक्ष भी केंद्र के पास भेजा है।

दरअसल प्राइमरी स्कूल खोलने को लेकर एक माह से केंद्र और राज्यों के बीच गतिरोध बना हुआ है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि 9 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को ऑफलाइन शिक्षा दी जा सकती है। क्योंकि प्राइमरी स्कूल के छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई मात्र 20 फीसद संभव हो पा रही है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 90 फीसद से ज्यादा बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त दिशा निर्देश के बाद प्राइमरी स्कूल खोलने की सिफारिश की थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों ने तर्क दिया था कि बच्चों के फेफड़े ज्यादा मजबूत होते हैं और कोरोना वायरस सबसे पहले फेफड़ों पर ही अटैक करता है। मगर 10 वर्ष तक के बच्चों को इस वायरस से कोई खतरा नहीं है। कुछ डॉक्टरों ने कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा घातक बताया था। उसी के बाद अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं है और वे बच्चों की वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं।