बरेली: हटी रोक, अवैध निर्माण पर कल से चलेगा बीडीए का बुलडोजर

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की वजह से हाईकोर्ट ने विकास प्राधिकरणों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा रखी थी। इस वजह से कई महीनों तक बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) भी अवैध निर्माणों को तोड़ नहीं पा रहा था लेकिन अब यह प्रतिबंध हटने के साथ ही बीडीए ने अवैध कॉलोनी और कब्जों को हटाने …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना की वजह से हाईकोर्ट ने विकास प्राधिकरणों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा रखी थी। इस वजह से कई महीनों तक बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) भी अवैध निर्माणों को तोड़ नहीं पा रहा था लेकिन अब यह प्रतिबंध हटने के साथ ही बीडीए ने अवैध कॉलोनी और कब्जों को हटाने के बड़े अभियान की योजना बनाई है।
इसके तहत आवासीय नक्शों पर व्यावसायिक भवनों का निर्माण करने वालों को भी सूचीबद्ध किया गया है। बीडीए ने शनिवार को झूलेलाल द्वार से केके अस्पताल की ओर अभियान चलाकर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण तोड़कर इसकी शुरुआत कर दी है। इंजीनियरों का कहना है कि 20 जुलाई को बीडीए बोर्ड की बैठक के बाद ध्वस्तीकरण के अभियान को जोर-शोर से चलाया जाएगा।
बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां
बीडीए से नक्शा व ले-आउट पास कराए बगैर ही बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। मार्च-अप्रैल में संक्रमण के प्रकोप के बीच हाईकोर्ट ने विकास प्राधिकरणों को अवैध निर्माण न तोड़ने के निर्देश दिए थे। इसके चलते बीडीए चाहते हुए भी अवैध निर्माण को तोड़ नहीं पा रहा था। इसका तमाम कॉलोनाइजरों व बिल्डरों ने नायायज फायदा भी उठाया लेकिन अब न्यायालय की रोक हटने के साथ ही बीडीए का बुलडोजर फिर से अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए तैयार है।
आवासीय नक्शों पर व्यावसायिक भवन
बीडीए के अधिकारियों का कहना है कि राजेंद्र नगर, एकता नगर सहित कई पॉश इलाकों में आवासीय नक्शों पर व्यावसायिक भवन बनाए गए हैं। इसके अलावा स्वीकृत ले-आउट का उल्लंघन करके भी निर्माण कार्य हुए हैं। इन सभी को शामिल करते हुए पूरा सर्वे किया जा चुका है। 20 जुलाई को बीडीए की इस साल की बोर्ड बैठक प्रस्तावित है। इसके बाद अतिक्रमण हटाने के अभियान को जोर-शोर से चलाया जाएगा। शनिवार को झूलेलाल द्वार से केके अस्पताल की ओर कई होटल, नर्सिंग होम, अस्पताल आदि के अवैध कब्जों को तोड़कर बीडीए ने अभियान शुरू भी कर दिया है।
बीडीए के रिकॉर्ड में 197 कॉलोनियां अवैध
शहर में अवैध कॉलोनियों बनती गईं और बीडीए के अफसर सोते रहे। पिछले कुछ साल में ही शहर में लगभग दो सौ अवैध कॉलोनियां बनकर तैयार हो गईं लेकिन अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार बीडीए ने कोई सुध नहीं ली। कम्पाउंडिंग के लिए समय भी दिया गया लेकिन कॉलोनाइजरों ने इस ओर ध्यान नही दिया। अब बीडीए ने कॉलोनियों पर जेसीबी चलाने की तैयारी कर ली है। बीडीए के रिकॉर्ड में दर्ज 236 में से 197 अवैध कॉलोनी हैं। वहीं रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा में दर्ज कॉलोनियों की संख्या 39 है।
अवैध कॉलोनियों के लिए नगर निगम भी जिम्मेदार
विहारमान नगला पीलीभीत रोड और पीलीभीत बाईपास के बीच, शाहजहांपुर रोड, करगैना बदायूं रोड, सुभाष नगर बदायूं रोड, सुर्खा छावनी, नवादा शेखान, नवादा जोगियान, लाल फाटक से आगे और बदायूं रोड की ओर सबसे ज्यादा अवैध निर्माण किए गए हैं। अब इन जगहों पर बीडीए बुलडोजर चलाएगा। बीडीए के अफसरों का कहना है कि नगर निगम बिना नक्शा देखे बिजली और पानी के कनेक्शन देकर अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा दे रहा है।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं कर सकते
वहीं नगर आयुक्त का कहना है कि नक्शे के आधार पर किसी को भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है। बीडीए की ओर से अक्सर अवैध निर्माण के दौरान कार्रवाई की जाती है। वहीं इसके विस्तार में नगर निगम की अहम भूमिका है। अगर बिजली, पानी का कनेक्शन बिना नक्शा देखे न दिया जाए तो अवैध भवन निर्माण पर अंकुश लग सकता है।
अधिशासी अभियंता, बीडीए, राजीव दीक्षित ने बताया कि हाईकोर्ट की रोक की वजह अवैध निर्माण नहीं तोड़े जा सके थे लेकिन अब इस पर प्रतिबंध हटने ही ध्वस्तीकरण अभियान जोर-शोर से चलाया जाना है।