बरेली: निर्माण स्थलों पर धूल और प्रदूषण देख नाराज हुई प्रदूषण बोर्ड की टीम

बरेली, अमृत विचार। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) लखनऊ परिक्षेत्र के डायरेक्टर डा. देवेंद्र कुमार सोनी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर वायु प्रदूषण पर चर्चा करते हुए निर्माणधीन कार्यों को देखकर नाराजगी जताई। डा. सोनी ने निर्माण एजेंसियों को धूल नियंत्रण मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। …
बरेली, अमृत विचार। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) लखनऊ परिक्षेत्र के डायरेक्टर डा. देवेंद्र कुमार सोनी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर वायु प्रदूषण पर चर्चा करते हुए निर्माणधीन कार्यों को देखकर नाराजगी जताई। डा. सोनी ने निर्माण एजेंसियों को धूल नियंत्रण मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने वायु प्रदूषण मापने के लिए मशीनें लगाने पर भी जोर दिया है।
डीएफओ कार्यालय में मंगलवार को सीपीसीबी के निदेशक डा. देवेंद्र सोनी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि देशभर में सौ से ज्यादा शहर ऐसे हैं, जहां मानक से अधिक प्रदूषण मिला है। इनमें यूपी के बरेली भी शामिल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन नगरों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक्शन प्लान बनाया है। उन्होंने स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से नगर निगम, सिंचाई विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग, पेयजल निगम, निर्माण विभागों को प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
डा. सोनी ने संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों से धुआं फेंकने वाले वाहनों, बिना ढके रेत ले जाने वाले वाहनों और बिना प्रदूषण प्रमाण-पत्र वाले वाहनों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, बायो मेडिकल वेस्ट समेत कई स्थानों का निरीक्षण भी किया। जगह-जगह जाकर पौधरोपण भी किया। इस मौके पर क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, नगर निगम, प्रशासनिक अधिकारी आदि शामिल रहे।
शहर में ओवरब्रिज निर्माण से लेकर सीवर ट्रंक लाइन बिछाने और अन्य निर्माण के कार्य चल रहे हैं। ऐसे में सीपीसीबी के डायरेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वायु प्रदूषण की रोकथाम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहां निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां वायु प्रदूषण मापने के लिए मशीनें लगाई जाए। पर्यावरण विशेषज्ञ एके चौहान ने बताया कि सीपीसीबी के डायरेक्टर ने वायु प्रदूषण मापने वाली मशीन लगाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यदायी संस्था को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम बढ़ाने होंगे।
बरेली शहर में प्रदूषण की स्थिति खराब
बरेली समेत प्रदेश के 16 ऐसे जिले हैं, जो प्रदूषण की सूची में सबसे ऊपर माने जाते हैं। आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, बरेली, लखनऊ और अमरोहा आदि जिले प्रदूषण की सूची में शामिल हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने निर्देश दिए थे कि प्रदूषित जिलों की वायु गुणवत्ता सुधार के लिए एक समिति बनाकर कार्य किया जाए तो प्रदूषण से निजात पाई जा सकती है। इसके चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भारत सरकार की टीम भी हर जिले में सर्वे कार्य पूरा कर रही है।
बोर्ड को दी प्रदूषण नियंत्रण के बारे में जानकारी
अधिकरियों ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई काम हो रहे हैं। इसमें कूड़ा निस्तारण के लिए गांव सथरापुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। बाकरगंज डंपिंग ग्राउंड पर कूड़े का निस्तारण करने के लिए मशीनें लगवाई जा रही हैं। शहर में अमृत योजना के तहत सीवर ट्रंक लाइन का काम चल रहा है। साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी लगाने का काम भी हो रहा है।

गांधी वन और हरित पट्टी पहुंची प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम
मंगलवार को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की एक टीम प्रभागीय वन अधिकारी कार्यालय पहुंची। जहां नगर निगम, बीडीए और वन विभाग से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे। वायु गुणवत्ता सुधार के लिए वन विभाग और नगर निगम समेत अन्य विभाग एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं जिसको लेकर इन विभागों के साथ बातचीत की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम कैंट स्थित डेयरी फार्म के गांधी वन और हरित पट्टी भी गई जहां बीते सालों में हुए पौधरोपण का जायजा लिया गया। बता दें कि वन विभाग द्वारा गांधी वन में अगस्त 2019 और हरित पट्टी में अगस्त 2018 में पौधरोपण किया गया था। यहां पौधों की स्थिति और हरा-भरा जंगल देखकर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने संतुष्टि जताई। इस दौरान प्रभागीय वन अधिकारी भारत लाल और वन रेंजर वैभव चौधरी भी मौजूद रहे।