बरेली: गरीबों के लिए 15 करोड़ खर्च, आवंटन में फंसे हैं 450 आवास

बरेली: गरीबों के लिए 15 करोड़ खर्च, आवंटन में फंसे हैं 450 आवास

बरेली, अमृत विचार। करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में 450 आवासों का निर्माण कराया गया ताकि गरीब परिवार को सिर ढकने के लिए छत मिल सके लेकिन इन आवासों का आज तक आवंटन नहीं हुआ है। सरकारी मशीनरी की सुस्त चाल से आवास आवंटन के झमेले में फंसे हुए …

बरेली, अमृत विचार। करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में 450 आवासों का निर्माण कराया गया ताकि गरीब परिवार को सिर ढकने के लिए छत मिल सके लेकिन इन आवासों का आज तक आवंटन नहीं हुआ है। सरकारी मशीनरी की सुस्त चाल से आवास आवंटन के झमेले में फंसे हुए हैं।

नोडल अफसर से लेकर प्रभारी मंत्री तक आवासों का जल्द आवंटन करने के निर्देश दे चुके हैं लेकिन सिस्टम की खामियां आवासों का आवंटन होने नहीं दे रही हैं। हालांकि अब डूडा ने आसरा आवास योजना के लिए आए आवेदनों की प्रारंभिक जांच के बाद पात्र-अपात्रों को चिह्नित करते हुए क्रास सत्यापन कराने के लिए सभी तहसीलों से सूची तलब की है। अब तहसील प्रशासन सत्यापन के बाद पात्रों का चयन करेगा। इसके बाद बेघरों को सिर पर अपनी छत मिल सकेगी।

आसरा योजना के अंतर्गत 264 आवास बनाने के लिए शासन ने वर्ष 2014-15 में 1013.76 लाख का बजट आवंटित किया था। डूडा ने सीएंडडीएस को बजट देकर खड़ौआ में 10 अप्रैल 2015 को आवास निर्माण शुरू कराया। 9 सितंबर, 2016 को 264 आवास 90 फीसदी तक निर्मित हो गए लेकिन उसके बाद सरकारी मशीनरी ने इस योजना को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। स्थिति यह है कि तमाम मकानों में अभी कई काम अधूरे हैं।

सरकार बदलने के बाद गरीबों के लिए आवास नीति बदल गई। इंदिरा आवास, समाजवादी आवास, लोहिया आवास समेत समस्त आवासीय योजनाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना में मर्ज कर दिया गया। प्रदेश में सरकार बदलने के दो साल बाद तक आसरा योजना में निर्मित बड़ी संख्या में आवासों के आवंटन ही नहीं हुए थे। लाभार्थी चयन पर भी विवाद है।

उस समय तमाम अपात्रों को चयनित कर मकान देने के आरोप लगे थे। लाभार्थियों के न मिलने से अभी तमाम शहरी क्षेत्रों में आसरा आवास खाली पड़े हैं। उनका रखरखाव न होने से वे खंडहर में बदलने लगे हैं। कई बार आवासों के खिड़की-दरवाजों के चोरी होने के भी मामले सामने आए। इस योजना को लेकर अधिकारियों के बीच चिट्ठी का दौर तो चला लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में आवासों का आवंटन होना बाकी है।

नोडल अफसर व प्रभारी मंत्री भी जता चुके नाराजगी
जिले में विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा और बरेली के नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव नवनीत सहगल समीक्षा के दौरान आसरा आवासों के आवंटन नहीं होने पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। डीएम नितीश कुमार और सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग ने डूडा के परियोजना निदेशक से आवंटियों का सत्यापन जल्द कराने के लिए कहा था। परियोजना निदेशक डूडा ने शेरगढ़, देवरनिया, फरीदपुर, शाही, मीरगंज, रिठौरा, आंवला, बहेड़ी के अधिशासी अधिकारियों को जल्द से जल्द सत्यापन के लिए निर्देश जारी किए लेकिन आवासों के आवंटन अभी भी बाकी हैं।

आसरा योजना के तहत आवंटित व खाली आवासों का ब्योरा

  • निकाय   कुल आवास   शेष
  • बहेड़ी-      36             12
  • शेरगढ़-    36              19
  • देवरनियां- 84              48
  • फरीदपुर- 420            271
  • आंवला-    96              35
  • रिठौरा-    192             65
  • कुल-       846             450

आंवटन कराया जा रहा है
पीडी, डूडा शैलेंद्र कुलभूषण आसरा आवास योजना के तहत अवशेष आवासों का आंवटन कराया जा रहा है। लाभार्थियों के चयन को लेकर तेजी दिखाई जा रही है।