बरेली: संक्रमण के खौफ से खाली पड़े हैं होटलों के कमरे

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने पर लाकडाउन में व्यापार करने की छूट तो मिल गई लेकिन संक्रमण के खौफ से होटल व्यवसाय गति नहीं पकड़ पा रहा है। होटलों के कमरे खाली पड़े हैं। इस कारण होटल इंडस्ट्री को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। कारोबारियों का …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने पर लाकडाउन में व्यापार करने की छूट तो मिल गई लेकिन संक्रमण के खौफ से होटल व्यवसाय गति नहीं पकड़ पा रहा है। होटलों के कमरे खाली पड़े हैं। इस कारण होटल इंडस्ट्री को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। कारोबारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सवा माह तक लगे लाकडाउन से आर्थिक स्थिति डगमगा गई। लाकडाउन के कारण न तो सहालग में बुकिंग मिली और जो बुकिंग पहले से थी, वह भी रद्द हो गई।
पिछले साल की तरह इस बार 21 मार्च के बाद से कोरोना के बढ़ते खौफ और लगातार लाकडाउन लगाए जाने से शहर के विभिन्न होटलों में होने वाली सभी वैवाहिक आयोजन रद्द हो गए थे। मई में 16 से ज्यादा तारीखों पर बुकिंग थी। लाकडाउन लगने के बाद सभी तरह की बुकिंग निरस्त हो गईं। दूसरी तरफ, होटलों में बड़ी संख्या में औद्योगिक मामलों को लेकर बुकिंग की जाती थीं।
शासकीय कार्यक्रम भी होते रहते थे। वह भी कोरोना की वजह से रद्द करने पड़े। अब सरकार ने कोरोना संक्रमितों की संख्या और मौत का आंकड़ा कम होने पर पचास प्रतिशत क्षमता के साथ होटल खोलने की छूट दी है। कारोबारियों का कहना है कि छूट मिलने से कोई खास राहत नहीं है। संक्रमण के चलते होटलों के सभी कमरे खाली पड़े हैं। कर्मचारियों का वेतन, बिजली बिल समेत अन्य खर्चें बराबर बने हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस सेक्टर को करीब 200 करोड़ का नुकसान हुआ है।
बिजली बिल और टैक्स में भी मिले छूट
सरकार से सशर्त छूट मिलने के साथ ही इस पेशे से जुड़े कारोबारी बिजली बिल, टैक्स आदि में छूट भी चाहते हैं। उनका कहना है कि पिछले साल की तरह इस बार भी उनको तगड़ी चोट लगी है। कई होटलों में 50 से 100 किलोवाट तक के बिजली लोड के कनेक्शन हैं। हर महीने उनको हजारों रुपये फिक्स चार्ज के रूप में देने होते हैं। नगर निगम समेत कई तरह के टैक्स का बोझ भी बढ़ा है। कारोबारियों का कहना है कि सरकार सोमवार से होटल व रेस्टोरेंट खोलने की इजाजत के साथ ही अगर हमारी इन मांगों को मानती है तो काफी हद तक सहूलियत मिल जाएगी।
इनकी सुनें-
कहने को तो सरकार ने होटल खोलने की अनुमति दे दी, मगर भला किसी का नहीं हो रहा। महामारी की वजह से होटल इंडस्ट्री बर्बाद हो चुकी है। गुजरात सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार बिजली बिल, जीएसटी आदि सहित अन्य करों में छूट दे तो कहीं कुछ राहत महसूस हो। -डा. अनुराग सक्सेना, अध्यक्ष, होटेलियर वेलफेयर एसोसिएशन
होटल स्वामी बोले
कोरोना खौफ के कारण लोगों का आना-जाना बंद है। पहले विभिन्न कंपनियों के लोग जिले में आकर कारोबार की समीक्षा के लिए होटलों में रुकते थे। अब संक्रमण के खौफ के कारण वर्कफ्रॉम होम के तहत काम कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को टैक्स आदि में छूट देनी चाहिए। -विजय चौहान, होटल स्वामी
पिछले साल जब लाकडाउन लगा था तब सहालग नहीं थी मगर इस बार गर्मियों में बड़ी सहालग थीं। इस पर कारोबार ठीक ठाक होने की उम्मीद थी मगर कोरोना की ऐसी मार पड़ी कि कारोबार सीधा करना मुश्किल हो जाएगा। अब इस नुकसान की भरपाई साल भर में नहीं हो पाएगी। -सतीश अग्रवाल, होटल स्वामी
कोरोना की वजह से होटल इंडस्ट्री तबाह हो गई। पिछले साल भी कोरोना के चलते लगे लाकडाउन की वजह से तगड़ा झटका लगा था। इस बार भी इसी तरह की स्थिति रही। सरकार से छूट मिलने के बाद लोग दूरी बनाए हैं। इस घाटे से उभरने में अभी काफी समय लगेगा। -मो. लईक, होटल स्वामी