बेरीनाग: दरके पहाड़, भूस्खलन की जद में आए कई परिवार

बेरीनाग, अमृत विचार। बारिश तो गुजर गई, लेकिन खतरा खत्म नहीं हुआ। बल्कि बारिश के बाद जारी भू-स्खलन अभी भी रूका नहीं है और इसके चलते कई परिवारों के मकान जमींदोज होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। बावजूद इसके खतरे की जद में आए मकानों और उनके परिवारों की सुध लेने वाला कोई नहीं …
बेरीनाग, अमृत विचार। बारिश तो गुजर गई, लेकिन खतरा खत्म नहीं हुआ। बल्कि बारिश के बाद जारी भू-स्खलन अभी भी रूका नहीं है और इसके चलते कई परिवारों के मकान जमींदोज होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। बावजूद इसके खतरे की जद में आए मकानों और उनके परिवारों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे करीब आधा दर्जन मकान हैं, जिन पर जमींदोज होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा करीब आधा हेक्टयर भूमि भी कट गयी है।
इस मामले में आज प्रभावित परिवारों ने नगर पंचायत अध्यक्ष हेम पंत व तहसील प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि भू-स्खलन से उनके रिहायसी मकान खतरे में है और आस-पास की करीब आधा हेक्टयर भूमि कट कर बह गई है। इस कटी भूमि से लगातार पानी का रिसाव जारी है। जिससे खतरा और बढ़ गया है।
खतरे में आए मकान मालिक वलवंत खाती ने बताया कि गत दिनों हुई भारी बारिश से मकानों के आस-पास भूकटाव शुरू हो गया था, जो अब मकानों के आंगन व आस-पास की भूमि तक पहुंच गया है। जिससे मकानों को भारी खतरा पैदा हो गया है। जिनमें रतन सिंह धानिक, प्रेम सिंह रौतेला, बंसत सिंह, आनन्द सिंह, कुन्दन सिंह, जीवन सिंह देउपा, बलवंत सिंह राठौर, श्याम सिंह महरा व आनंद सिंह के मकानों को खतरा बना हुआ है।