बरेली: स्नातकोत्तर के सभी प्रश्नपत्र कराने पर भी मंथन

बरेली, अमृत विचार। स्नातकोत्तर की मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्रों को लेकर गुरुवार को परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार की उपस्थिति में मंथन किया गया। प्रश्नपत्रों के स्वरूप को लेकर शिक्षकों की अलग-अलग राय है। शिक्षकों का एक वर्ग चाहता हैं कि सभी प्रश्नपत्रों का एक ही प्रश्नपत्र कराया जाय, वहीं शिक्षकों का दूसरा वर्ग छात्र के …

बरेली, अमृत विचार। स्नातकोत्तर की मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्रों को लेकर गुरुवार को परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार की उपस्थिति में मंथन किया गया। प्रश्नपत्रों के स्वरूप को लेकर शिक्षकों की अलग-अलग राय है। शिक्षकों का एक वर्ग चाहता हैं कि सभी प्रश्नपत्रों का एक ही प्रश्नपत्र कराया जाय, वहीं शिक्षकों का दूसरा वर्ग छात्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सभी प्रश्नपत्र कराने के पक्ष में है। बैठक में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुचने पर यह तय हुआ कि दोनों पक्षों के सुझावों को कुलपति प्रो. केपी सिंह के पास भेजे जाएंगे। उसके बाद परीक्षा समिति के द्वारा प्रश्नपत्रों के स्वरूप पर निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि विश्वविद्यालय लगातार तीन दिनों से प्रश्नपत्रों के स्वरूप को लेकर मंथन कर रहा है। शिक्षकों ने बताया कि स्नातक में एक विषय का एक प्रश्नपत्र कराने से अधिक दिक्कत नहीं होगी लेकिन परास्नातक के छात्रों के एक विषय के ही किसी में चार तो किसी में पांच प्रश्नपत्र होते हैं। इनमें एक प्रश्नपत्र विशेषता का होता है। इसी आधार पर भविष्य की छात्र की मेरिट तैयार होती है। मेरिट में सभी विषयों के अलग-अलग अंक देखे जाते हैं। ऐसे में एक विषय का एक प्रश्नपत्र कराने से उन्हें दिक्कत हो सकती है।

सबसे ज्यादा परेशानी एमएससी के छात्रों को होगी। परास्नातक की परीक्षाएं पहले भी कम दिनों में पूरी हो जाती हैं, ऐसे में उनके सभी प्रश्नपत्र कराए जा सकते हैं। प्रश्नपत्र डेढ़ ही घंटे के होंगे और उसमें बहुविकल्पीय, अति लघु और दीर्घ के प्रश्नपत्र पूछे जाएंगे। प्रश्नों की संख्या में भी समय के हिसाब से कम ही रखी जाएगी। बैठक में बरेली कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. आलोक खरे, गणित विभागाध्यक्ष डा. स्वदेश सिंह, भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. वीपी सिंह व दूसरे जिलों के शिक्षक मौजूद रहे।