बरेली: स्नातकोत्तर के प्रश्नपत्र में पूछे जा सकते हैं सिर्फ तीन सवाल

बरेली, अमृत विचार। स्नातक और स्नातकोत्तर की अंतिम वर्ष की मुख्य परीक्षाओं को लेकर एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी प्रश्नपत्रों का एक प्रश्नपत्र होगा और समय डेढ़ घंटा होगा, इसका तो निर्धारण शासन और विश्वविद्यालय स्तर पर पहले हो चुका है लेकिन प्रश्नपत्र का स्वरूप कैसा होगा, इसका निर्धारण अभी …

बरेली, अमृत विचार। स्नातक और स्नातकोत्तर की अंतिम वर्ष की मुख्य परीक्षाओं को लेकर एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी प्रश्नपत्रों का एक प्रश्नपत्र होगा और समय डेढ़ घंटा होगा, इसका तो निर्धारण शासन और विश्वविद्यालय स्तर पर पहले हो चुका है लेकिन प्रश्नपत्र का स्वरूप कैसा होगा, इसका निर्धारण अभी नहीं हो सका है।

मंगलवार को परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार की मौजूदगी में बरेली कॉलेज के सभी विषयों के विभागाध्यक्ष के साथ इसको लेकर मंथन हुआ। जिसमें सुझाव दिया गया कि स्नातकोत्तर के प्रश्नपत्र में सिर्फ तीन ही प्रश्न पूछे जाएंगे। इसी तरह से स्नातक में 10 बहुविकल्पीय, पांच अतिलघु और एक विस्तृत प्रश्न पूछा जाएगा। बुधवार को एक बार फिर से शिक्षक बैठेंगे और उसके बाद प्रश्नपत्रों के स्वरूप निर्धारित कर दिया जाएगा। प्रश्नपत्र का स्वरूप तय होने के बाद परीक्षा कार्यक्रम और परीक्षा केंद्र निर्धारित कर दिए जाएंगे। जल्द ही इसकी सूचना शासन को भेज दी जाएगी।

इससे पहले एमए, एमएससी व अन्य स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रमों में चार या पांच प्रश्नपत्र होते थे। इनमें छात्रों को पांच प्रश्नपत्र तीन घंटे में करने होते थे। अब डेढ़ घंटे में छात्रों को तीन प्रश्नपत्र करने होंगे। इसी तरह से स्नातक में एक विषय के तीन प्रश्नपत्र होते थे लेकिन अब एक ही प्रश्नपत्र तैयार होगा। स्नातक में बहुविकल्पीय प्रश्नों के दो-दो अंक, अति लघु के पांच-पांच अंक और दीर्घ के 30 अंक निर्धारित किए जा सकते हैं।

छात्रों को प्रश्नपत्र हल करने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए इस तरह से प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा कि तीनों प्रश्नपत्र का पाठ्यक्रम शामिल हो जाए। ऐसे में यदि छात्र सभी पाठ्यक्रम की पढ़ाई न कर सके तो उसे प्रश्नपत्र हल करने में अधिक दिक्कत न हो। सभी बहुविकल्पीय प्रश्न इसलिए नहीं रखे जा रहे हैं, क्योंकि इसको लेकर निजी महाविद्यालयों में नकल कराने की आशंका है। बैठक में शिक्षकों ने कहा कि कम प्रश्नपत्र रखने से मूल्यांकन में भी अधिक दिक्कत नहीं होगी और समय पर परिणाम भी जारी कर दिया जाएगा।

इस दौरान हिंदी, उर्दू व संस्कृत विषयों के प्रश्नपत्रों को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है, क्योंकि इसमें कई छात्र अतिरिक्त विषय भी चुनते हैं। इसको लेकर बुधवार को बैठक की जाएगी। जिसमें अन्य शिक्षकों को भी बुलाया गया है। बैठक में बरेली कॉलेज केवनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. आलोक खरे, गणित विभागाध्यक्ष डा. स्वदेश सिंह, भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. वीपी सिंह, हिंदी विभागाध्यक्ष श्यामपाल मौर्य व अन्य मौजूद रहे।

द्वितीय वर्ष का एक प्रश्नपत्र होगा
स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं भी होंगी और इनका भी अंतिम वर्ष की तरह ही एक विषय का एक प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा। पूर्व के वर्ष में यदि छात्रों ने अलग-अलग प्रश्नपत्र की परीक्षा दी थी लेकिन उसे नहीं माना जाएगा, क्योंकि पिछली बार छात्रों को प्रोन्नत किया गया था। एक प्रश्नपत्र में छात्र के जितने अंक आएंगे, उसी आधार पर प्रथम वर्ष में उसे औसत अंक दिए जाएंगे।

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