बरेली: प्रवासी मजदूरों से भरी रही बस ने कार में मारी टक्कर, अफरा-तफरी

सीबीगंज, अमृत विचार। हरदोई से प्रवासी मजदूरों को लेकर लुधियाना जा रही बस ने शुक्रवार को इनोवा कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार डिवाइडर क्रॉस कर दूसरी तरफ जा पहुंची। हादसे में दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। चालक व परिचालक बस छोड़कर फरार हो गए। घटना में 12 प्रवासी मजदूर …
सीबीगंज, अमृत विचार। हरदोई से प्रवासी मजदूरों को लेकर लुधियाना जा रही बस ने शुक्रवार को इनोवा कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार डिवाइडर क्रॉस कर दूसरी तरफ जा पहुंची। हादसे में दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। चालक व परिचालक बस छोड़कर फरार हो गए। घटना में 12 प्रवासी मजदूर घायल हुए। कुछ घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मजदूरों से बस परिचालक ने 1200 से 1400 रुपये तक किराया लिया था। इसकी वजह से उनके पास रुपए ही नहीं बचे। मजबूरी में कुछ मजदूर पैदल ही लुधियाना चल दिए।
लाकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद शासन के लाकडाउन खोलने के निर्णय से मजदूरों में एक उम्मीद जगी और प्रवासी काम पर वापस लौटने लगे। शुक्रवार को हरदोई से लगभग 50 प्रवासी मजदूरों को लेकर एक बस लुधियाना छोड़ने जा रही थी।
बस जब परसाखेड़ा के पास स्थित केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के पैतृक गांव टियूलिया के अंडरपास पर पहुंची, तभी बस चालक ने आगे चल रही एक इनोवा कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इनोवा रेलिंग तोड़ते हुए बड़ा बाईपास के दूसरी साइड जा पहुंची। हादसा होने की वजह से घटना स्थल बड़ा बाईपास पर दोनों तरफ जाम लग गया।
सूचना मिलते ही सीबीगंज व फतेहगंज पश्चिमी पुलिस तुरंत घटना स्थल पर पहुंची। काफी देर कोशिश के बाद क्षतिग्रस्त वाहनों को हाईवे से अलग हटाया। इनोवा कार में बरेली के राजेंद्र नगर निवासी शिवांग कौशिक व चंदन शर्मा सफर कर रहे थे। वह लोग बरेली से झुमका चौराहे घूमने आ रहे थे। इसी बीच हादसे का शिकार हो गए। कार पर भारत सरकार लिखा था।
हादसे के बाद पैदल ही चल दिए
बस सवार रज्जाक अली, दुर्ग पाल, मनोज कुमार, मीरा, उपासना ,सरला, निवासी गढ़ हरदोई आदि ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनका परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया था। प्रदेश में जैसे ही लाकडाउन हटा वैसे ही उन्होंने मजदूरी करने का मन बना लिया और उन्होंने हरदोई से लगभग 50 प्रवासी मजदूरों का एक संगठन बनाया। जिसके बाद उन्होंने एक बस बुक की।
बस मालिक ने उनसे 12 सौ से लेकर 24 सौ रुपये प्रति मजदूर किराया वसूला। बस उन्हें लेकर लुधियाना जा रही थी कि अचानक घटना हो गई। अब उनके पास एक भी पैसा नहीं है जिससे वह दूसरा वाहन पकड़कर लुधियाना जा सकें।