हल्द्वानी: गांवों में बने क्वारंटाइन सेंटर में नहीं ठहर रहे प्रवासी

हल्द्वानी: गांवों में बने क्वारंटाइन सेंटर में नहीं ठहर रहे प्रवासी

हल्द्वानी, अमृत  विचार। गांवों में बने क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी क्वारंटाइन नहीं हो रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 महामारी के संक्रमण रोकने के मकसद को पलीता लगता दिख रहा है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने नैनीताल जनपद के ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते …

हल्द्वानी, अमृत  विचार। गांवों में बने क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी क्वारंटाइन नहीं हो रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 महामारी के संक्रमण रोकने के मकसद को पलीता लगता दिख रहा है।

जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने नैनीताल जनपद के ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गांवों में ‘विलेज क्वारंटाइन फैसलिटी सेंटर’ बनाए गए। नियमानुसार गांवों में आने वाले हर प्रवासी को सात दिनों के लिए इन सेंटरों में अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन रहना होगा। इन सात दिनों वह ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों की निगरानी में रहेंगे।

यदि इस दौरान उन्हें सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार और तबीयत बिगड़ती है तो उन्हें कोविड केयर सेंटर या निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। यदि लक्षण नहीं मिलते हैं तो अवधि पूरी होने पर घर भेज दिया जाएगा। इधर हल्द्वानी ब्लॉक के छह गांवों में विलेज क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए लेकिन एक भी प्रवासी नहीं पहुंचा। एक-दो सेंटर में प्रवासी पहुंचे भी लेकिन ठहरे नहीं और चले गए। इससे प्रशासन की गांवों में कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम के मकसद को पलीता लग रहा है।

इन गांवों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर 

हल्द्वानी ब्लॉक के हल्दूचौड़ दौलिया, जयपुर खीमा, पीपलपोखरा, दौलतपुर, फूलचौड़ व लाखनमंडी में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें चार गांवों में इंटर कॉलेजों और दो में प्राथमिक स्कूलों में केंद्र बनाए गए हैं।

 

हल्द्वानी ब्लॉक के अंतर्गत छह गांवों में विलेज क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें प्रवासी क्वारंटाइन नहीं हो रहे हैं। इनमें एक-दो सेंटर में प्रवासी पहुंचे भी लेकिन क्वारंटाइन नहीं हुए।

निर्मला जोशी, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर, हल्द्वानी

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