मुरादाबाद : किसी ने बचत से तो किसी ने उधार लेकर लगाई थी चिट फंड कंपनी में रकम

मुरादाबाद, अमृत विचार। बड़े मुनाफे के लालच में चिट फंड कंपनी के चक्कर में फंसे तमाम लोगों ने जीवन भर की कमाई गंवा दी। किसी ने उधार लेकर तो किसी ने अपनी बचत से कंपनी में रकम लगा दी। कुछ तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने क्लेम व रिटायरमेंट के बाद मिली रकम को भी निवेश …

मुरादाबाद, अमृत विचार। बड़े मुनाफे के लालच में चिट फंड कंपनी के चक्कर में फंसे तमाम लोगों ने जीवन भर की कमाई गंवा दी। किसी ने उधार लेकर तो किसी ने अपनी बचत से कंपनी में रकम लगा दी। कुछ तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने क्लेम व रिटायरमेंट के बाद मिली रकम को भी निवेश कर दिया। बेहतर भविष्य की आस में निवेश करने वालों को कंपनी के संचालकों ने एक झटके में कंगाल बना दिया।

50 करोड़ की धोखाधड़ी करने के बाद कंपनी फरार हुई तो यह ‘काला सच’ निकलकर सामने आया। समस्या यह है कि अब कंगाल हो चुके अभिकर्ताओं से निवेशक अपनी रकम के लिए तकाजा कर रहे हैं। इन अभिकर्ताओं की अपनी रकम तो डूबी, साथ ही अब अन्य निवेशकों का दबाव उन्हें और परेशान किए हुए है। हालात मारपीट तक पहुंच गए हैं। यह ही वजह है कि अपनी रकम पाने के लिए पीड़ित अफसरों के चक्कर काट रहे हैं।

उधर पुलिस है कि केवल जांच की बात कहकर टरका रही है। महानगर में सक्रिय चिट फंड कंपनी हर साल लोगों को करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करके फरार हो जाती हैं। धोखाधड़ी का शिकार हुए लोग पहले तो रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भटकते रहते हैं, किसी तरह रिपोर्ट दर्ज भी हो जाती है तो उनकी रकम वापस नहीं मिल पाती। जिले में करीब 50 ऐसी कंपनियां सक्रिय हैं।

ऐसी ही चिटफंड कंपनी जनहित मीचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड, जनहित प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और जनहित निधि लिमिटेड ने सैकड़ों लोगों से 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर ली। रकम हड़पने के बाद कंपनी के निदेशक अजय यादव लापता हो गए। अजय की पत्नी गीता यादव ने कांठ थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज करा दी। इधर मैच्योरिटी का वक्त पूरा होने के बाद निवेशकों को कंपनी के फरार होने की जानकारी मिली तो उन्होंने सोमवार को आशियाना स्थित अजय यादव के घर पर जमकर हंगामा किया था।

मेहनत की रकम हड़प, कंगाल कर गई कंपनी
तमाम ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मुनाफे के लालच में अपनी बचत व जीवन भर की कमाई कंपनी में निवेश कर दी। आशियाना फेज वन निवासी नवनीत कुमार ने बताया कि धीरे-धीरे कर उन्होंने खुद के अलावा करीब दूसरों के एक करोड़ रुपये कंपनी में निवेश कर दिए। उन्होंने अभी तक की सारी बचत मुनाफे के लालच में कंपनी में लगा दी। उन्होंने अपनी परिचित बिजनौर निवासी सविता के 17 लाख रुपये निवेश करवा दिए। सविता को यह रकम पति के निधन के बाद बीमा कंपनी ने क्लेम के रूप में दी थी। बिजनौर निवासी मनीषा ने भी कंपनी में करीब नौ लाख रुपये निवेश किए। क्लेम के रुपए मुनाफे के लालच में कंपनी में लगा दिए ।

हंगामे के बाद पहुंची पुलिस, नहीं हुई रिपोर्ट
सोमवार को जमकर हुए हंगामे के बाद सिविल लाइंस पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस के सामने ही लोगों ने जमकर नारेबाजी की थी। माहौल बिगड़ता देख पुलिस वालों ने रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन, तीन दिन बीतने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। सिविल लाइंस पुलिस जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने की बात कह रही है।

एएसपी अनिल कुमार यादव ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, शिकायत के आधार पर संबंधित चौकी प्रभारी से जांच करवाई जा रही है। अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट एसएसपी कार्यालय भेज दी है। जल्द ही रिपोर्ट दर्ज कर ली जाएगी।

 

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