लखनऊ: ‘हैलो पहचाना…मुख्यमंत्री का ओएसडी बोल रहा हूं’
लखनऊ। हैलो पहचाना…मैं मुख्यमंत्री का विशेष अधिकारी ओएसडी बोल रहा हूं, सरकारी काम के नाम पर जो धन उगाही कर रहे हो उसमें हमारा भी हिस्सा लगा देना नहीं तो अंजाम के लिए तैयार रहना। ऐसी धमकियां देकर सरकारी विभागों के उच्च अधिकारियों को अदब लेकर अवैध धन उगाही करने वाले एक पूर्व समीक्षा अधिकारी …
लखनऊ। हैलो पहचाना…मैं मुख्यमंत्री का विशेष अधिकारी ओएसडी बोल रहा हूं, सरकारी काम के नाम पर जो धन उगाही कर रहे हो उसमें हमारा भी हिस्सा लगा देना नहीं तो अंजाम के लिए तैयार रहना। ऐसी धमकियां देकर सरकारी विभागों के उच्च अधिकारियों को अदब लेकर अवैध धन उगाही करने वाले एक पूर्व समीक्षा अधिकारी व उसके गिरोह को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार गैंग के सदस्य सचिवालय के आस-पास से ही सक्रिय रहकर पहले अधिकारियों की गतिविधियों को समझते उसके बाद सरकारी कार्यों में गड़बड़ी का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री की नराजगी का हवाला देते हुए अधिकारियों से वसूली करते थे, इस बात की शिकायत होने पर जांच में जब एसटीएफ को लगाया गया तो सभी आरोपी हत्थे चढ़ गये और गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने 22 सिमकार्ड बरामद किए हैं, जिसके नंबरों के आधार पर किस किस अधिकारी को ब्लैकमेल किया जा चुका है ये पता लगाया जा रहा है।
कई नामों से बात करते थे आरोपी
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी कई-कई नाम से बात करते थे। ऐसे में गिरफ्तार हुए प्रमोद कुमार दुबे उर्फ दया शंकर सिंह उर्फ संतोष कुमार सिंह उर्फ बलजीत सिंह कन्नौज का रहने वाला है। वहीं अतुल शर्मा उर्फ मनोज कुमार सिंह खुर्रमनगर लखनऊ का रहने वाला है। प्रदीप कुमार श्रीवास्तव राजाजीपुरम, राधेश्याम कश्यप कोतवाली बाजारखाला क्षेत्र का रहने वाला है।
अपर मुख्य सचिव गृह की शिकायत पर हुआ एक्शन
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि विशेष कार्याधिकारी दया शंकर सिंह, मनोज कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, यशवीर सिंह, बलजीत सिंह बनकर तथा शासन के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बनकर काल्पनिक फर्जी जांच प्रकरण का धौंस जमाकर ठगी करने व जबरन धन उगाही की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थीं। इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव, गृह, गोपन एवं कारागार अवनीश अवस्थी ने अपर पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ को कार्यवाही के लिए निर्देश दिया था जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
डॉयट प्राचार्य और जेलर को धमकाया
अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह की ओर से प्राचार्य, डायट, फरीदपुर, बरेली से एक लाख रूपये की मांग की गयी थी, जिसके सम्बन्ध में थाना किला, बरेली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद एटा जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया को आरोपियों ने फोन कर ओएसडी दया शंकर सिंह बनकर उनके विरूद्ध मुख्य मंत्री की नाराजगी व जांच के सम्बन्ध में रूपये की मांग की गयी, जिसके मुकदमा दर्ज किया गया।
वसूली के मामले में पहले भी जेल चुका है अतुल शर्मा
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि अुतल शर्मा उर्फ मनोज कुमार सिंह सचिवालय में न्याय विभाग में सहायक समीक्षा अधिकारी था और वर्ष 2007 एवं 2010 में सरकारी अधिकारियों से इसी प्रकार की ठगी करने के आरोप में जेल जाने के बाद निलम्बित हो गया था। जेल से छूटने के बाद वह पुनः इसी कार्य में अपने पूर्व के साथी प्रमोद कुमार दुबे उर्फ दया शंकर सिंह उर्फ संतोष कुमार सिंह उर्फ बलजीत सिंह के साथ मिलकर विभिन्न विभागों के सरकारी अधिकारियों को फर्जी जांच का भय दिखाकर फोन काल करके रूपये मांगते हैं। जब कोई इनकी धौंस व झांसे में आ जाता है तो उससे गोपनीय तरीके से सचिवालय व एनेक्सी भवन के आसपास अपने साथियों प्रदीप श्रीवास्तव व राधेश्याम कश्यप को सरकारी कर्मचारी बनाकर भेज कर रूपये ऐंठ लेता था।