हल्द्वानी: निजी अस्पतालों में नहीं अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था

हल्द्वानी, अमृत विचार। गुजरात के भरुच में कोविड अस्पताल अग्निकांड की घटना के बाद फायर सर्विस हरकत में आई। एसटीएच समेत सात अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। इसमें चिंताजनक तस्वीर सामने आई। एसटीएच को छोड़कर अन्य निजी अस्पतालों में अग्निशमन के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं मिले। गुजरात की दुर्घटना के बाद उत्तराखंड के विभिन्न कोविड अस्पतालों …
हल्द्वानी, अमृत विचार। गुजरात के भरुच में कोविड अस्पताल अग्निकांड की घटना के बाद फायर सर्विस हरकत में आई। एसटीएच समेत सात अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। इसमें चिंताजनक तस्वीर सामने आई। एसटीएच को छोड़कर अन्य निजी अस्पतालों में अग्निशमन के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं मिले।
गुजरात की दुर्घटना के बाद उत्तराखंड के विभिन्न कोविड अस्पतालों में भी आग से सुरक्षा के उपायों की जांच शुरू हो गई है। फायर सर्विस के डीआइजी मुख्तार मोहसिन व आइजी अजय रौतेला ने अधीनस्थों को विभिन्न जिलों में स्थित कोविड केयर सेंटर में मौके पर जाकर अग्निशमन यंत्रों को देखने और कमी मिलने पर नोटिस देने के लिए कहा गया। इसी क्रम में अग्निशमन विभाग ने हल्द्वानी के विभिन्न कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया।
एफएसओ मिंदरपाल सिंह ने बताया कि एसटीएच के साथ ही साईं, नीलकंठ, सेंट्रल, बृजलाल, विवेकानंद, कृष्णा अस्पताल का निरीक्षण किया गया। मुख्य रूप से फायर एग्जिट, फायर अलार्म, स्पिंकलर सिस्टम, स्मोट डिटेक्टर आदि की जांच की गई। इस दौरान एसटीएच को छोड़कर अन्य निजी अस्पतालों में स्पिंकलर सिस्टम व स्मोक डिटेक्टर की कमी मिली। अस्पताल संचालकों को इन सुरक्षा व्यवस्थाओं की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी।
एफएसओ ने बताया कि पुराने समय में बने अस्पतालों में सभी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्थाएं नहीं मिलीं। व्यवहारिक पहलू यह है कि पहले इन उपायों की अनिवार्यता का नियम नहीं था। हालांकि सभी अस्पतालों से विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है। इसके अलावा मोटाहल्दू और बागजाला कोविड केयर सेंटर के विस्तार के साथ ही अग्निशमन उपकरण बनाने को कहा गया है। निरीक्षण टीम में लीडिंग फायर मैन प्रकाश मेर, फायरमैन संतोष जोशी आदि मौजूद थे।