बरेली: यहां आने का मतलब… संक्रमित होने की पूरी संभावना!

बरेली: यहां आने का मतलब… संक्रमित होने की पूरी संभावना!

बरेली,अमृत विचार। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण को लेकर लगातार नई-नई गाइडलाइन जारी की जा रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के साथ नियमों का पालन कराने को लेकर सख्ती बरती जा रही है। वहीं, पंचायत चुनाव को लेकर संजय कम्युनिटी हॉल में चल रहे प्रशिक्षण में हालात बद से बदतर हैं। एक दिन में तीन-तीन …

बरेली,अमृत विचार। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण को लेकर लगातार नई-नई गाइडलाइन जारी की जा रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के साथ नियमों का पालन कराने को लेकर सख्ती बरती जा रही है। वहीं, पंचायत चुनाव को लेकर संजय कम्युनिटी हॉल में चल रहे प्रशिक्षण में हालात बद से बदतर हैं। एक दिन में तीन-तीन शिफ्टों में हजारों की संख्या में प्रशिक्षुओं को बुलाया जा रहा है।

कोविड-19 की गाइडलाइन क्या होती है? शायद यहां कोई नहीं जानता, न ही उनका पालन कराया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों को भय है कि यहां आने का मतलब संक्रमित होने की पूरी संभावना है।

पंचायत चुनाव का पहला चरण 15 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इसी चरण में बरेली में भी मतदान होना है। इसको लेकर चुनाव में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को 13 अप्रैल तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण संजय कम्युनिटी हॉल में चल रहा है। यहां के हालात लोगों को वाकई में दहशत में डालने वाले हैं।

यहां प्रशिक्षुओं की इतनी भीड़ है कि प्रशासन उसे कंट्रोल ही नहीं कर पा रहा। एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की तो आम है। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां बुरी तरीके से उड़ रही हैं। जिस कारण लोग डरे सहमे से नजर आ रहे हैं मगर उनका कहना है कि यहां आकर अपने परिजनों को खतरे में डालना भी उनकी मजबूरी है क्योंकि यह नियम है कि जो भी प्रशिक्षण में शामिल नहीं होगा उस पर एफआईआर कराई जाएगी। ऐसे में लोग भय के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं।

न पानी की व्यवस्था, न ही शौचालय की
प्रशिक्षुओं की माने तो संजय कम्युनिटी हॉल में प्रशासन ने चुनाव के लिए प्रशिक्षण तो शुरू करा दिया मगर यहां आने वाले लोगों के लिए न तो पानी की व्यवस्था है, न ही शौचालय की। लगातार तीन घंटे चल रहे प्रशिक्षण में यदि किसी को शौचालय का प्रयोग करना हो तो वह भी नहीं कर सकता। प्रशिक्षु खुद का पानी लेकर पहुंच रहे हैं। प्रशासन की तरफ से पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं कराई गई। ऐसे में यहां प्रशासन की लापरवाही न कही जाए तो क्या कहा जाए।