कृषि कानूनों के फायदे बताने के लिए योगी ने किया गाजर के हलवे और खीर का जिक्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को केन्द्र के नए कृषि कानूनों का फायदा बताने के लिए बलिया जिले में बनने वाले मशहूर काली गाजर के हलवे और चंदौली के काले चावल से बनी खीर का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को केन्द्र के नए कृषि कानूनों का फायदा बताने के लिए बलिया जिले में बनने वाले मशहूर काली गाजर के हलवे और चंदौली के काले चावल से बनी खीर का जिक्र किया।

मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए नए कृषि कानूनों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”बलिया के एक सदस्य ने मुझे बताया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी के विधानसभा क्षेत्र बांसडीह में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की जा रही है।

वहां रामरतन नाम का एक मिठाई दुकानदार है, जिसका काली गाजर का हलवा पिछले कई दशकों से बहुत मशहूर है। उसने किसानों से गाजर खरीदने के लिए अनुबंध किया है।” उन्होंने कहा कि गाजर के बीज बोने के वक्त वह अनुबंध किया गया था और फसल तैयार होने पर उसे पूरा का पूरा खरीद लिया गया।

योगी ने चंदौली में पैदा होने वाले काले चावल से तैयार खीर का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि चंदौली के किसानों ने काले चावल की खेती शुरू की। यह सबसे ज्यादा प्रोटीनयुक्त चावल है और यह उत्तर प्रदेश का एक ब्रांड है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”सपा सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने एक बार मुझसे कहा कि क्या आपने काले चावल से बनी खीर खाई है। जब मैं वाराणसी गया तो अपनी पार्टी के कार्यकर्ता से कहा कि काले चावल की खीर लाओ।” योगी ने कहा कि वह इस बात से दुखी और आश्चर्यचकित हैं कि विपक्ष नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भ्रमित कर रहा है।