बरेली: मुफ्त कोचिंग में बेसिक से बेस्ट पाठ्यक्रम सीखेंगे छात्र

अमृत विचार, बरेली। अभ्युदय योजना के तहत मंगलवार से बरेली में कक्षाएं संचालित हो गईं। बरेली कॉलेज के एमएड सभागार में मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने मेंटर के तौर पर पहली कक्षा ली। कक्षा में बतौर शिक्षक मंडलायुक्त ने बताया कि सिविल सर्विस की परीक्षा पास करने के लिए बेसिक तो क्लियर होने चाहिए। यहां बेसिक …
अमृत विचार, बरेली। अभ्युदय योजना के तहत मंगलवार से बरेली में कक्षाएं संचालित हो गईं। बरेली कॉलेज के एमएड सभागार में मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने मेंटर के तौर पर पहली कक्षा ली। कक्षा में बतौर शिक्षक मंडलायुक्त ने बताया कि सिविल सर्विस की परीक्षा पास करने के लिए बेसिक तो क्लियर होने चाहिए। यहां बेसिक से लेकर बेस्ट पाठ्यक्रम पढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। जिलों में भौतिक कक्षाओं में डीएम-कमिश्नर तो पढ़ाएंगे ही, साथ ही सिविल सर्विस का पाठ्यक्रम तैयार करने वाले व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी अपना अनुभव शेयर कर मागदर्शन करेंगे। बरेली कॉलेज में दूसरी कक्षा में सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग ने सवाल पूछने से कक्षा की शुरुआत की।
मंडलायुक्त ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कोटा में कोचिंग करने गए हजारों छात्र फंस गए थे। उत्तर प्रदेश से 600 बसें छात्रों को लेने गई थीं। इसी के बाद से इस योजना पर काम शुरू हुआ ताकि भविष्य में बच्चे अपने घर में ही पढ़ सकें और उन्हें रुपये भी खर्च न करने पड़ें। उन्होंने कहा कि युवा कई कार्य करता है लेकिन वह भटका हुआ होता है। छात्रों को नहीं पता होता कि आईएएस, आईपीएस कैसे बनते हैं, उनका काम क्या है। एकेडमिक स्तर पर सतही जानकारी दी जाती है। अक्सर लोग सवाल करते हैं कि गवर्नर्मेंट पॉलिसी अच्छी होती है या खराब। यह सवाल ही नहीं पूछना चाहिए क्योंकि कोई भी पॉलिसी खराब नहीं होती है।
उन्होंने इसे आईपीसी से जोड़कर बताया कि आईपीसी अपराधों पर लगाम लगाने के लिए बनाई गई लेकिन एक चोर के लिए आईपीसी खराब ही होगी। उन्होंने बताया कि लोगों के दिमाग में नेता व पुलिस चोर जैसी गलत बातें भर दी जाती हैं। इससे बाहर निकलना होगा।
उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए गंभीरता के साथ ईमानदारी भी होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि वह 10वीं एनसीईआरटी की किताबें अवश्य पढ़ें। छठी क्लास से एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने से और बेहतर होगा। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि सिविल सर्विस की परीक्षा मैराथन दौड़ है। सबजेक्ट का कंसेप्ट क्लियर होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि तैयारी सिर्फ प्री की नहीं होनी चाहिए बल्कि इंटरव्यू तक सोचना चाहिए। उन्होंने बताया कि गलत विषय के चयन से भी दिक्कतें होती हैं। उन्होंने इतिहास के बारे में छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारी दी। सिविल सर्विस की कक्षाओं के चीफ मेंटर केपी त्रिपाठी ने पहले दिन बताया कि 13 जून को होने वाली यूपीएससी की परीक्षा के हिसाब से 90 दिन में पूरा पाठ्यक्रम तैयार कर पढ़ाने की तैयारी की है। 3-3 घंटे रोजाना कक्षाएं लगेंगी।
उन्होंने कई तरह की किताबों और वेबसाइट के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान संयुक्त शिक्षा निदेशक बरेली डा. प्रदीप कुमार, बरेली कॉलेज प्राचार्य डा. अनुराग मोहन, चीफ प्रॉक्टर वंदना शर्मा, उप निदेशक समाज कल्याण हरीश आर्या, एनआईसी प्रभारी कमल शर्मा, मेन परीक्षा हाल में सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. राजेश प्रकाश व अन्य मौजूद रहे।
पहले दिन सिर्फ 170 छात्र ही पहुंचे
महंगी फीस की वजह से तैयारियों से वंचित रहने वाले छात्रों के लिए शुरू की गई योजना को लेकर भी कई छात्र गंभीर नहीं हैं। छात्रों ने योजना के तहत रजिस्ट्रेशन तो करा दिया और ऑनलाइन परीक्षा भी पास कर ली लेकिन भौतिक कक्षाओं में पहले दिन 15 फीसदी छात्र ही पहुंचे। 1027 छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा पास की थी लेकिन सिर्फ 170 ही पहुंच सके। कुल 696 में से सिर्फ 140 छात्र ही सिविल सर्विस की तैयारी के लिए पहुंचे।
इसके अलावा नीट व जेईई के लिए 34 छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा पास की थी। इसमें भी कम ही पहुंचे। पहले तीन स्थानों पर कक्षाओं की तैयारी की गई थी लेकिन अब बरेली कॉलेज में सिविल सर्विस और जीआईसी में नीट की कक्षाएं संचालित होंगी। अन्य परीक्षाओं के लिए आवेदन करने वालों को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। योजना से जुड़े अधिकारी छात्रों को फोन व मैसेज से जानकारी दे रहे हैं। गलत नंबर भरने से भी दिक्कतें हो रही हैं। इसके अलावा कई लोग लैपटाप, टेबलेट व अन्य चीजें भी मुफ्त में मिलने के बारे में सवाल कर रहे हैं।