बाराबंकी: सरकारी वाहन हुए खटारा, निजी वाहनों के भरोसे अधिकारी

बाराबंकी: सरकारी वाहन हुए खटारा, निजी वाहनों के भरोसे अधिकारी

बाराबंकी, अमृत विचार। सरकारी विभागों में वाहन पूरी तरह खटारा हो चुके है। इस वजह से कई अधिकारियों को सरकारी कामकाज के लिए अपनी निजी गाड़ी करनी पड़ रही है। कई तो ऐसी गाड़ियां है, जो खटारा होने के बाद नीलाम भी हो चुकी है। इसी के चलते अधिकारी भी अपनी निजी गाड़ियों से काम करते …

बाराबंकी, अमृत विचार। सरकारी विभागों में वाहन पूरी तरह खटारा हो चुके है। इस वजह से कई अधिकारियों को सरकारी कामकाज के लिए अपनी निजी गाड़ी करनी पड़ रही है। कई तो ऐसी गाड़ियां है, जो खटारा होने के बाद नीलाम भी हो चुकी है। इसी के चलते अधिकारी भी अपनी निजी गाड़ियों से काम करते नजर आ रहे हैं।

शासन स्तर से काम का दबाव है, लेकिन अधिकारी सुविधाओं के अभाव में बेबस से नजर आते हैं। स्थानीय स्तर पर शासन को इससे अवगत भी कराया गया है, लेकिन उनके मेंटीनेंस का शुल्क अभी तक नहीं मिला है।

जिला विद्यालय निरीक्षक को शासन से एक जीप मिली हुई थी। जिससे अधिकारी क्षेत्र में जाकर निरीक्षण सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य आसानी से निपटा सकें। लेकिन वर्ष 2018 में जीप की नीलामी हो गई थी।

इसके चलते जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में करीब 3 वर्ष से सरकारी वाहन नहीं है। जिससे मजबूरन में डीआईओएस को अपनी निजी गाड़ी का उपयोग करना पड़ता है।

शासन को रिपोर्ट 2018 में भेज दी गयी है। लेकिन अभी तक कोई वाहन नही मिला है। बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू होने वाली है। वाहन न होने से आने-जाने के लिए अपने निजी वाहन का उपयोग किया जा रहा है। -राजेश कुमार वर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक