बरेली: श्रद्धापूर्वक तिलकुटा के साथ मनाया गया सकट पर्व

अमृत विचार, बरेली। जिले सहित शहर में रविवार को सकट चतुर्थी (तिलकुटा चौथ) धार्मिक श्रद्धा विश्वास के साथ मनाई गई। इस दिन महिलाओं ने निर्जला व्रतोपवास रखा तथा शाम को सामूहिक रूप से चौथ माता की कहानी सुनकर परिवार में सुख समृद्धि खुशहाली की कामना की। रविवार की रात्रि को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत …
अमृत विचार, बरेली। जिले सहित शहर में रविवार को सकट चतुर्थी (तिलकुटा चौथ) धार्मिक श्रद्धा विश्वास के साथ मनाई गई। इस दिन महिलाओं ने निर्जला व्रतोपवास रखा तथा शाम को सामूहिक रूप से चौथ माता की कहानी सुनकर परिवार में सुख समृद्धि खुशहाली की कामना की।
रविवार की रात्रि को चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला। सुहागिन महिलाओं ने रविवार को सुबह सूर्योदय से पूर्व चाय पानी का सेवन करने के बाद दिनभर सकट चौथ का उपवास प्रारंभ किया। इसके बाद महिलाओं का इस पर्व को लेकर उत्साह चरम पर दिखा और उन्होंने हाथों में मेहंदी, महावर नेल पॉलिश लगाकर श्रृंगार किया एकत्रित होकर महिलाओं ने अपने सुहाग की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर कहानी सुनी और सूर्यदेव के अर्घ्य दिया तथा चांद के दर्शन कर व्रत खोला।
इस अवसर पर मंदिरों में भी महिलाओं ने गरीब असहाय लोंगों को दान दक्षिणा देकर पुण्य कमाया एवं पूजा-पाठ के विशेष आयोजन हुए। घर-घर में पकवान बनाए गए।
वहीं, खास तौर पर आज के दिन बनने वाले तिलकुटा लड्डू बनाए। तिल से बनी वस्तुओं में गजक, रेवड़ी, तिलकुट, तिल के लड्डुओं का प्रसाद निकाल परिवार के अन्य सदस्यों को दिया तो वहीं बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत खोला। आचार्य सुनील ने बताया कि माता पार्वती ने भगवान शंकर के कहने पर यह व्रत किया। फलस्वरूप उन्हें पुत्र के रूप में गणेश की प्राप्ति हुई। तभी से सकट चौथ का सनातन धर्म में अलग ही महत्व हैं।