हल्द्वानी: कंपनी बाग के अतिक्रमण पर गरजी निगम की जेसीबी

हल्द्वानी: कंपनी बाग के अतिक्रमण पर गरजी निगम की जेसीबी

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर के इंदिरानगर क्षेत्र में मौजूद कंपनी बाग के अतिक्रमण पर आखिरकार एक माह तक चली उठापटक के बाद निगम की जेसीबी चल ही गई। 36 दुकानों का निर्माणाधीन अवैध कॉम्प्लैक्स चार घंटे के दौरान ध्वस्त कर दिया गया। सबसे पहले इस अतिक्रमण के बारे में अमृत विचार ने प्रमुखता के साथ …

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर के इंदिरानगर क्षेत्र में मौजूद कंपनी बाग के अतिक्रमण पर आखिरकार एक माह तक चली उठापटक के बाद निगम की जेसीबी चल ही गई। 36 दुकानों का निर्माणाधीन अवैध कॉम्प्लैक्स चार घंटे के दौरान ध्वस्त कर दिया गया। सबसे पहले इस अतिक्रमण के बारे में अमृत विचार ने प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की थी।

सोमवार सुबह ठीक 11 बजे नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र सिंह चौहान और गौरव भसीन के नेतृत्व में दो जेसीबी और एक ट्रैक्टर सहित नगर की टीम बनभूलपुरा चौकी पहुंची। यहां से भारी पुलिस फोर्स के साथ टीम ने इंदिरा नगर के कंपनी बाग एरिया के वार्ड 31 में निगम की जमीन पर तैयार किए जा रहे अवैध शापिंग कॉम्प्लैक्स पर पहुंचे। यह कॉम्प्लैक्स लगभग 327 वर्ग मीटर जमीन पर फैला था। जेसीबी को इसे तोड़ते-तोड़ते शाम के चार बजे बज गए।

किसी भी तरह के बवाल की आशंका से निपटने के लिए पुलिस ने क्षेत्र को चारों ओर से घेर रखा था। अतिक्रमण हटाने के दौरान अवैध निर्माणकर्ता अब्दुल मलिक के पुत्र अब्दुल मोईद की कुछ देर सहायक नगर आयुक्त के साथ बहस हुई। हालांकि पुलिस ने तुरंत उसे मौके से हटा दिया।

मोईद ने आरोप लगाया कि पूरे बनभूलपुरा और इंदिरानगर में कई जगह अवैध निर्माण हैं पर निगम को केवल यही अतिक्रमण नजर आ रहा है। उसके पास साक्ष्य भी हैं मगर निगम उन्हें समय नहीं दे रहा। जमीन के फ्री होल्ड के कागजात जमा कर दिए गए हैं। मोईद ने फोन पर किसी से सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र चौहान की बात कराना भी चाहा तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया। साथ ही खुद का फोन भी ऑफ कर दिया।

मोईद के साथ मौजूद लोगों की कुछ देर बहस होने के बाद मामला शांत हो गया। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों को खदेड़ दिया। निर्माण स्थल पर भारी मात्रा में निर्माण सामग्री और मजदूरों के रहने के लिए कच्चा निर्माण भी ध्वस्त कर दिया गया। मौके पर तकरीबन तीन से चार ट्रक ईंटें भी निर्माण कार्य के लिए रखी गयीं थी जो निगम ने सीज करने के बजाय जिस सप्लायर के वहां से ईंटे आईं थी उसे वापस ले जाने की अनुमति दे दी।

बनाया जाना रहा था मॉल
आपको बताते चलें कि जिस जगह से अतिक्रमण हटाया गया उस जगह पर मॉल बनाया जा रहा था जिसमें 36 से ज्यादा दुकानें और मैरिज हॉल बनाए जाने का काम होना था। लगभग एक माह पहले इस मामले की जानकारी सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र चौहान को मिली थी लेकिन उस दौरान नगर आयुक्त के अवकाश पर जाने के चलते इस बारे में उनकी राय नहीं ली जा सकी थी। नगर आयुक्त के आने के बाद मामला उनके संज्ञान में लाया गया और इसके एक सप्ताह बाद सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह को पत्र लिख ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर पुलिस की मदद मांगी गई थी। इस बीच अतिक्रमणकर्ता को नोटिस भेज दस दिन का समय अपनी बात रखने के लिए भी दिया गया था, लेकिन निर्माणकर्ता ने इसे नजरअंदाज करते हुए रातों रात लेंटर डाल दिया। इधर जमीन संबंधी कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत न करने के चलते निगम अधिकारियों ने सोमवार को पूरा निर्माण ढहा दिया। सूत्रों की मानें तो तकरीबन पचास से सत्तर लाख की निर्माण साम्रगी अब तक इस्तेमाल की जा चुकी थी। बहरहाल अतिक्रमण अभियान में सहायक सहायक अभियंता नवल नौटियाल,चंदन सिजवाली,गजेंद्र खत्री,राजस्व विभाग और भारी पुलिस बल मौजूद रहा।

भय के माहौल से घिरा रहा कंपनी बाग
इस पूरे अभियान से आस पास के क्षेत्रवासियों में एक भय का माहौल नजर आया। सूत्रों की मानें तो यहां का पूरा हिस्सा नजूल पर बसा है और अभी निगम की तमाम जमीन कब्जाई गई है। इस बात की तस्दीक तब हुई जब अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई चल रही थी। भीड़ में शामिल कुछ लोग तमाम भवनों की जानकारी एक दूसरे से साझा करते नजर आए और साफ कहते सुने गए निगम जब सही से सीमांकन करेगा तो कई अवैध निर्माण और ध्वस्त हो सकते हैं।

“ध्वस्तीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है आगे भी क्षेत्र में सीमांकन कर अभियान चलाया जाएगा, निगम की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को किसी हाल मे बख्शा नहीं जाएगा।” -विजेंद्र चौहान, सहायक नगर आयुक्त

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