बरेली: कोरोना काल में जरा सी लापरवाही कुष्ठ रोगियों के लिए घातक

अमृत विचार, बरेली। कुष्ठ रोग माइक्रोवेक्टीरियमलैप्री नामक जीवाणु से होता है। यह साथ खाने, उठने-बैठने से नहीं फैलता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है। यह जानकारी ज्यादातर लोगों को हैं, लेकिन कोरोना काल में ऐसे कुष्ठ रोगियों को थोड़ी …
अमृत विचार, बरेली। कुष्ठ रोग माइक्रोवेक्टीरियमलैप्री नामक जीवाणु से होता है। यह साथ खाने, उठने-बैठने से नहीं फैलता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है। यह जानकारी ज्यादातर लोगों को हैं, लेकिन कोरोना काल में ऐसे कुष्ठ रोगियों को थोड़ी ज्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. स्वदेश कुमारी ने बताया जारी रिसर्च के अनुसार जिन कुष्ठ रोगियों की दवाएं चल रही हैं, उनमें कोरोना संक्रमण की संभावना सामान्यतः कम हैं। बरेली में वर्तमान में 142 कुष्ठ रोगियों का इलाज चल रहा है। अब तक एक कुष्ठ रोगी को कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि हुई है। फिर भी सभी को कोरोना से बचाव करना जरूरी है। जिसके लिए सावधानी रखना आवश्यक है।
बताया कि ऐसे कुष्ठ रोगी जिनके घाव हैं, ऐसे मरीजों को अपने घाव को साफ करके उसे साफ विसंक्रमित कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। खुले घाव में कोरोना या कोई भी संक्रमण आसानी से अपना प्रभाव दिखा सकता है। ऐसे रोगियों को कुछ समय के अंतराल पर घाव पर ढके कपड़े को साबुन और गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाना चाहिए।