अधिकारियों की मिलीभगत... कूड़ा उठाने वाले वाहनों को देना था डीजल, देने लगे शिवरी प्लांट को
डीजल आपूर्ति में खेल का आरोप लगा रहे पार्षद

लखनऊ, अमृत विचार : नगर निगम के गोमती नगर स्थित आरआर विभाग ने सफाई वाहनों को डीजल देने के लिए विशेष टैंकर बनवाया लेकिन इससे वाहनों को तेल मिलने के बजाए शिवरी प्लांट पहुंचने लगा। विशेष टैंकर से प्रतिदिन हजारों लीटर डीजल शिवरी प्लांट को दिया जा रहा है। पार्षद शिवरी प्लांट में टैंकर से डीजल आपूर्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि शिवरी में कूड़ा निस्तारण प्लांट में डीजल खर्च का कोई हिसाब नहीं है। अधिकारियों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से आरआर विभाग शिवरी पर लाखों रुपये प्रतिदिन डीजल खर्च कर रहा है। सदन की आगामी बैठक में पार्षद इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
टैंकर से कूड़ा उठाने वाले वाहनों को दिया जाना था डीजल
बीते साल अगस्त में नगर निगम के आरआर विभाग ने 1500 लीटर क्षमता का डीजल डिस्पेंसर बनवाया था। इससे जोन में ही वाहनों को डीजल दिया जाना था। लेकिन यह व्यवस्था अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इस टैंकर से प्रतिदिन लगभग 1500 लीटर डीजल दिया जा रहा है। वहीं जोन से वाहन पहले की तरह डीजल लेने गोमती नगर स्थित आरआर कार्यशाला आ रहे हैं। वाहनों के आवागमन से न केवल समय बर्बाद हो रहा है बल्कि अतिरिक्त दूरी पर डीजल खर्च भी बढ़ रहा है। इसका बुरा असर शहर की सफाई व्यवस्था और कूड़ा उठान पर पड़ रहा है।
10 हजार लीटर प्रतिदिन डीजल की खपत
नगर निगम के कूड़ा उठाने वाले लगभग 300 वाहन, जेसीबी, पोकलैंड मशीन, हाइवा, उद्यान विभाग, ट्रैक्टर-ट्राली, स्ट्रीट लाइट की गाड़ियां, कैटल कैचिंग वाहन, शिवरी प्लांट, फॉगिंग और अधिकारियों की गाड़ियों को मिलाकर प्रतिदिन लगभग 10 हजार लीटर डीजल की खपत है।
डीजल डिस्पेंसर टैंकर से अभी शिवरी प्लांट में डीजल की आपूर्ति की जा रही है। शिवरी में पोकलैंड, मशीनों और हाइवा के लिए प्रतिदिन लगभग 1000 से 1200 लीटर डीजल दिया जाता है। अभी विशेष टैंकर वाली व्यवस्था आगे नहीं बढ़ पाई है।
मनोज प्रभात, मुख्य अभियंता, आरआर नगर निगम लखनऊ
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