प्रयागराज: गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में इरफान सोलंकी को मिली सशर्त जमानत

प्रयागराज: गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में इरफान सोलंकी को मिली सशर्त जमानत

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में सशर्त जमानत देते हुए कहा कि जबरन वसूली की घटना के संदर्भ में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता के अनुसार 10 लाख रुपए और 10-15% एमएलए टैक्स का भुगतान करने की बात कही गई थी, लेकिन किसी भी राशि या किसी अन्य संपत्ति या मूल्यवान वस्तु के लेनदेन का कोई साक्ष्य नहीं मिलता है। 

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 385 के तहत अपराध एक जमानती अपराध है। याची 4 जनवरी 2023 से जेल में है और वह पहले ही 2 साल से अधिक की सजा काट चुका है। कोर्ट ने माना कि वर्तमान जमानत याचिका लंबित रहने के दौरान आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत याची को दोषी ठहराया गया है। याची का 9 मामलों का आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में निष्कर्ष निकाला कि किसी आरोपी के खिलाफ कई आपराधिक मामलों के लंबित होने मात्र से ही जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता है। 

याची द्वारा साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने की संभावना देखते हुए और सह-आरोपी मुरसलीन खान उर्फ भोलू को पहले ही जमानत मिलने के आधार पर कोर्ट ने याची को सशर्त जमानत दे दी। उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की एकलपीठ ने आईपीसी की धारा 386 के तहत कानपुर नगर के जाजमऊ थाने में दर्ज मामले में इरफान सोलंकी द्वारा दाखिल जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया।

मामले के अनुसार शिकायतकर्ता ने याची और सह अभियुक्त रिजवान सोलंकी, मुरसलीन खान और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 6 दिसंबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि याची कुछ गरीब व्यक्तियों की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे और शिकायतकर्ता ऐसे जमीन मालिकों के पक्ष में खड़ा होकर उनकी ओर से लड़ रहा था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि निर्दोष व्यक्तियों की ओर से आवाज उठाने के कारण आरोपियों द्वारा उसे जान से मारने की धमकी दी गई। 

आरोपियों ने शिकायतकर्ता से कहा कि उसके कारण उन्हें भारी नुकसान हो रहा है, जिसकी वजह से उसे 10-15% एमएलए टैक्स देना होगा। हालांकि याची के अधिवक्ता का तर्क है कि उसे मामले में राजनीतिक द्वेष के कारण फंसाया गया है। इसके अलावा याची के विरुद्ध 18 मामलों का आपराधिक इतिहास दर्शाया गया है जबकि केवल 9 मामले ही रिकॉर्ड पर है।

ये भी पढ़ें- प्रयागराज: हाईकोर्ट को जल्द मिलेंगे 8 नए जज, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश

ताजा समाचार

मंगनी के बाद बिखरे सपने, शादीशुदा निकला मंगेतर : हकीकत सामने आने पर छोटे भाई से शादी का ऑफर
डाक सेवा समाधान दिवस में तुरंत निपटेंगी शिकायतें, मई से होगी शुरुआत
शाहजहांपुर: एक दिन पहले ससुराल से लौटे युवक ने फांसी लगाकर दी जान
बाराबंकी : रेलवे ओवरब्रिज का काम शुरू, सेतु निगम टीम ने किया निरीक्षण
उप्र उद्योग व्यापार संगठन की कार्यकारिणी का महासम्मेलन : आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल बोले-व्यापारियों के सम्मान और सुरक्षा के लिए सरकार तत्पर
कानपुर में ऑटो चालक ने झपट्टा मारकर कारोबारी का पर्स छीना, एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले, FIR दर्ज