पीलीभीत: विभागीय खातों में लैप्स होने की संभावना, 2.45 अरब रुपये का बजट पड़ा है बकाया

पीलीभीत, अमृत विचार: वित्तीय वर्ष समाप्त होने में चार दिन बाकी हैं। इसे लेकर सरकारी विभागों में खलबली मची हुई है। खातों में करोड़ों का बजट बकाया है, जिसके लैप्स होने का डर भी जिम्मेदारों को सता रहा है। कई विभाग तो ऐसे भी हैं, जिनमें करीब ढाई अरब से अधिक की धनराशि अवशेष है। अब पांच दिन के भीतर इन्हें किस तरह से खपाया जाए। इसकी तेजी से तैयारी की जा रही है।
हालांकि उसके बावजूद भारी बजट लैप्स होने के आसार बने हुए हैं। वहीं, जल्दबाजी में कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लैप्स होने के कगार पर करीब दो अरब 44 करोड़ 95 लाख 10 हजार 146 रुपये की धनराशि है।
विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो 25 मार्च तक सरकारी विभागों में अवशेष धनराशि कम नहीं कही जा सकती। रेशम विभाग में 27263640 रुपये आवंटित हुए थे। इसमें से 26360076 रुपये व्यय हो चुके हैं। जबकि 903564 रुपये अवशेष हैं। कृषि विभाग में 131123802 रुपये आवंटन के सापेक्ष 112975788 रुपये का व्यय हुआ जबकि 18148014 रुपये बाकी हैं। विकास विभाग में 357755942 रुपये आवंटित हुए और 338956104 रुपये का व्यय हो सका। अभी 18799838 रुपये बकाया हैं। पंचायत विभाग में 407375470 रुपये आवंटित किए गए थे।
इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 380773641 रुपये व्यय किए गए जबकि 26601829 रुपये अवशेष हैं। पुलिस विभाग में 1978137548 रुपये आवंटित हुए थे। इसमें से 1893011179 रुपये व्यय किए गए और 85126369 रुपये बाकी है। मेडिकल कॉलेज को 550353000 रुपये आवंटित हुए और 497816520 रुपये व्यय किए गए जबकि 52536480 रुपये बाकी हैं।
आयुर्वेदिक विभाग में भी 280880000 रुपये आवंटन के सापेक्ष 205907666 रुपये खर्च किए जा सके हैं। इसमें 74972334 रुपये अभी भी अवशेष हैं। होम्योपैथिक विभाग में 47388000 रुपये आवंटन के सापेक्ष 42581572 रुपये खर्च हो सके हैं। इस विभाग में भी 4806428 रुपये की धनराशि अवशेष है। स्वास्थ्य विभाग में 328783989 रुपये आवंटित किए गए थे।
जिसमें से 278474387 रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि 50309602 रुपये अवशेष हैं। नगर पंचायत विभाग में 208597243 रुपये के सापेक्ष 207187862 रुपये का काम हो चुका है। इसमें 1409381 रुपये की धनराशि बकाया है। कलेक्ट्रेट में 908902980 रुपये आवंटित किए गए थे और 856909466 रुपये व्यय किए गए हैं।
इसमें 51993514 रुपये अवशेष हैं। जीएसटी विभाग में 32729738 रुपये के सापेक्ष 29128740 रुपये व्यय किए गए हैं। इसमें 3600998 रुपये अवशेष हैं। निबंधन विभाग में 17185400 रुपये आवंटित हुए थे। इसमें 13875336 रुपये व्यय हुए जबकि 3310064 रुपये बाकी हैं। बाढ़/सिंचाई विभाग में 481891000 रुपये आवंटित हुए, जिसमें 440955463 रुपये का व्यय हो चुका है।
इसमें भी 40935537 रुपये अवशेष हैं। इन्हें 31 मार्च तक व्यय नहीं किया गया तो ये धनराशि लैप्स हो जाएगी।जिसमें बाद दोबारा बजट आवंटन के इंतजार में तमाम विकास कार्य पर देरी का ग्रहण लग सकता है। असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर नसीम ने बताया कि विभिन्न विभागों के पास अभी काफी धनराशि अवशेष है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर आंकड़ा अपडेट किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी, शिक्षा और वन विभाग पर भी खूब रकम बाकी
पच्चीस मार्च तक की बात करें तो भले ही सड़कों की दशा सुधारने पर बेहतर काम साल भर न हो सका हो, लेकिन अभी भी पीडब्ल्यूडी पर अवशेष धनराशि काफी है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति नजदीक आने पर तेजी से सड़कों की दशा सुधारी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार 3310334000 रुपये आवंटित हुए थे। जिसमें से 2087009404 रुपये व्यय हो चुके हैं।
अभी भी 1223324596 रुपये अवशेष हैं। वन विभाग ने आवंटित 227887715 रुपये के सापेक्ष 222425315 रुपये व्यय किए। अभी भी 5462400 रुपये अवशेष हैं। शिक्षा विभाग को 5496163799 रुपये आवंटित हुए थे। इसमें से 4843317114 रुपये व्यय हो चुके हैं जबकि 652846685 रुपये अवशेष हैं। इसी तरह से समाज कल्याण विभाग में 660137429 रुपये आवंटित हुए थे जिसमें से 564427087 रुपये व्यय हुए और 95710342 रुपये अवशेष हैं।
लघु सिंचाई विभाग में अवशेष बचे महज 47 रुपये
एक तरफ जहां विभिन्न विभागों में बड़े पैमाने पर धनराशि अवशेष बची है। उसके लैप्स होने का भी डर सता रहा है। मगर लघु सिंचाई विभाग ऐसा है, जिसमें महज 47 रुपये अवशेष हैं। बताते हैं कि इस विभाग में 35975000 रुपये आवंटित हुए थे और 35974953 रुपये व्यय हो चुके हैं।
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