Ramadan 2025: रमजान में की हर दुआ होगी कुबूल, जान लें सही तरीका
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अमृत विचार। रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पाक माना जाने वाला मुबारक महीना हैं। मान्यताओं के अनुसार रमजान में आसमान से बरकत, रहमत बरसती हैं। यह महीना आपके द्वारा नेक काम और आपके द्वारा इबादत से अल्लाह को राजी करते हैं। रमजान के महीने में अल्लाह अपने नेक बन्दों पर नेहमत बरसाते हैं और सबकी दुआए भी कुबूल होती हैं। बस जरुरी हैं कि दुआ सही तरीके से मांगी जाएं।
रमजान के पाक महीने में एक खास तरह कि इबादत कि जाती हैं इसे तरावीह कहते हैं ये ऐसे इबादत हैं जिसे सुनने और पढ़ने के बाद ऐसा माना जाता हैं कि मांगी गई दुआ अल्लाह जरूर सुनेगा।
वही रात की आखिर पढ़ी जाने वाली नमाज को 'तहज्जुद' कहते हैं और इसका रमजान में काफी महत्त्व हैं। कुरान में इस नमाज को अल्लाह के सबसे करीब माना जाता हैं तहज्जुद की नमाज से अल्लाह सरे किये गए गुनाह को माफ़ कर देता हैं। और सारी मुरादे भी पूरी करता हैं।
रमजान की आखिरी 10 रातों को रोजे 'शब-ए-कद्र' की रात कहते हैं। इस दौरान इन रातों में की गई दुआ अल्लाह जरूर पूरी करते हैं। क्योकि 'शब-ए-कद्र' की रात की गई इबादत को हजारों की इबादत के सामान माना जाट हैं।
इन बातों का ध्यान रखकर दुआ मांगने से पहले वुजु जरूर करना होता हैं। प्पक साफ़ होकर ही इन दुआओ को पढ़ा जाता हैं। और अल्लाह से सुआ करना अपने गुनाहो की माफ़ी मगन और अच्छे काम करना चाहिए।
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