बाराबंकी : अग्निकांड पीड़ितों को सीएम आवास योजना में मिलेगी प्राथमिकता

दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
Barabanki, Amrit Vichar : शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानपरिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला से पहले समिति के सभापति और एमएलसी अवनीश कुमार सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सभापति ने कार्यशाला में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपदा पीड़ितों के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं। अग्निकांड में घर जलने की स्थिति में पीड़ित का नाम मुख्यमंत्री आवास योजना में प्राथमिकता से जोड़ा जाएगा।
कार्यशाला में समिति के सदस्य और एमएलसी अंगद कुमार सिंह ने कहा कि आपदाएं बिना सूचना के आती हैं। लेकिन जागरूकता से इनसे बचा जा सकता है। एमएलसी उमेश द्विवेदी ने बाराबंकी में बाढ़ को एक बड़ी समस्या बताया। सभापति अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि जानकारी के अभाव में जनता योजनाओं का लाभ नहीं ले पाती थी। इसलिए इस तरह की कार्यशाला जरूरी है। गांव स्तर तक लोगों को जागरूक करना है। इससे अग्निकांड, बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाव किया जा सकेगा।
आपदा आने पर तुरंत रेस्क्यू कर जान-माल की रक्षा की जा सकेगी। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार सिंह ने जनप्रतिनिधियों को आपदाओं से बचाव के उपाय बताए। कार्यशाला मेयो मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित की गई। इससे पहले जनप्रतिनिधियों ने लोक सभागार में अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।
शिवार्चन तालाब पर हटेगा अवैध कब्जा
प्रसिद्ध तीर्थस्थल लोधेश्वर महादेवा में शिवार्चन तालाब से अवैध कब्जा हटाने का आदेश हो गया है। रामनगर एसडीएम पवन कुमार ने धारा 133 के तहत यह आदेश जारी किया है। मामला गाटा संख्या 54 का है, जहां 13 लोगों ने अवैध रूप से दुकानें और भवन बना लिए हैं। इनमें रियाज पुत्र कल्लू, इसरार अहमद पुत्र निसार अहमद और दीन मोहम्मद पुत्र जान मोहम्मद शामिल हैं। यह वही स्थान है जहां मंदिर से निकलने वाला जल एकत्रित होता है। इसे जलहरी कुंड के नाम से भी जाना जाता है।
इस अवैध कब्जे के खिलाफ महंत बीपी दास ने एसडीएम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ी। मामला वर्तमान में एसडीएम कोर्ट में वाद संख्या 385/2023 के तहत विचाराधीन था। एसडीएम ने अतिक्रमणकारियों को तीन दिन के अंदर खुद कब्जा हटाने का आदेश दिया है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो प्रशासन कार्रवाई करेगा। इस स्थिति में अतिक्रमण हटाने का खर्च भी उन्हीं से वसूला जाएगा। तीन दिन में कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में जमा करनी होगी।
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