संभल जामा मस्जिद पहुंची एएसआई की टीम, लिया जायजा...फोटोग्राफी भी कराई

संभल, अमृत विचार। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम गुरुवार को संभल पहुंची। टीम ने जामा मस्जिद पर रंगाई पुताई को लेकर जायजा लिया साथ ही फोटोग्राफी भी कराई। जामा मस्जिद की रंगाई पुताई को लेकर मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को एक सप्ताह में मस्जिद के बाहरी हिस्से की रंगाई पुताई करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि विभाग की टीम एक बार फिर से मस्जिद का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट दे कि कहां-कहां पर रंगाई पुताई और मरम्मत की जरूरत है।
इसके बाद ही गुरुवार दोपहर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम जामा मस्जिद पहुंची। टीम के सदस्यों ने जामा मस्जिद भवन के उन हिस्सों की फोटोग्राफी कराई जहां पर मरम्मत की जरूरत नजर आ रही थी। कहां और कितनी मरम्मत कराए जाने की जरूरत है इसे लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग आज ही अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंप सकता है। इसके बाद मस्जिद की रंगाई पुताई और मरम्मत का कार्य शुरू होगा।
शाही जामा मस्जिद समिति के अध्यक्ष जफर अली ने संवाददाताओं को बताया कि मेरठ से एएसआई की टीम कार्य के दायरे का निर्धारण करने तथा अनुमान तैयार करने के लिए सर्वेक्षण कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम टीम के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और कोई समस्या नहीं है। रंगाई-पुताई का काम जल्द शुरू हो जाएगा। उन्होंने माप ले लिया है और मंजूरी के बाद काम शुरू हो जाएगा।’’ अली ने बताया कि अगर गुरुवार को ही मंजूरी मिल जाती है तो रंगाई-पुताई का काम तुरंत शुरू हो सकता है। हालांकि, अगर मंजूरी मिलने में कोई देरी होती है तो इसे होली बाद शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कितने क्षेत्र में रंगाई पुताई होगी, यह देखा जा रहा है। मस्जिद समिति एएसआई के संरक्षण और दिशा-निर्देशों के तहत पेंटिंग के काम की देखरेख करेगी।
पिछले साल 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान संभल में दंगे भड़क उठे थे। स्थानीय लोगों का दावा था कि मस्जिद का निर्माण मुगल काल में कथित तौर पर नष्ट किए गए हिंदू मंदिर के अवशेषों पर किया गया था। यह विरोध प्रदर्शन स्थानीय निवासियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों में बदल गया। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और भीड़ नियंत्रण उपायों का इस्तेमाल किया। हिंसा के परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे।
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