संगठित और आत्मनिर्भर समाज ही सशक्तिकरण राष्ट्र का आधार : पुष्कर सिंह धामी

श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय में आयोजित अभिनन्दन सम्मान समारोह में बोले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री 

संगठित और आत्मनिर्भर समाज ही सशक्तिकरण राष्ट्र का आधार : पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्वागत करते सुधीर गिरी, अशोक कटारिया, डॉ. हरि सिंह ढिल्लो व अन्य।

अमरोहा, अमृत विचार। देश में सबसे पहले उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता एवं लिंगीय समानता के साथ महिला सशक्तिकरण का पुरजोर संवाहक है। एक संगठित, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर समाज ही सशक्तिकरण राष्ट्र का आधार है।

रविवार को श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय में आयोजित अभिनन्दन सम्मान समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि, एमएलसी अशोक कटारिया, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, एमएलसी डा. हरि सिंह ढिल्लो आदि ने टोपी, पटका, शाल, गदा भेंट कर जोरदार स्वागत किया। इस दौरान समान नागरिक संहिता यूसीसी के उत्तराखंड में लागू होने से उत्साहित गुरुकुल महाविद्यालय की साहसी छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण और योग पर आधारित विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का अभिनन्दन किया।

मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यूसीसी कानून किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय व्यक्ति के विरुद्ध नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सामाजिक समरसता, लैंगिक समानता को मजबूत करने के साथ जबरन धर्मान्तरण से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाओं के साथ युवा पीढ़ी को सुरक्षित करने के लिए लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि संगठित और आत्मनिर्भर समाज ही सशक्तिकरण राष्ट्र का आधार है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुधीर गिरि ने की। इस समारोह में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व परिवहन मंत्री एवं एमएलसीअशोक कटारिया, गुरुकुल महाविद्यालय की आचार्य डा. सुमेधा, डा. मधु चतुर्वेदी, जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स, पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद, भाजपा जिलाध्यक्ष उदयगिरी गोस्वामी आदि ने भी पुष्प गुच्छ देकर मुख्यमंत्री का अभिनन्दन किया। संस्थान के कुलपति प्रो. (डॉ.) कृष्णकांत दवे ने अभिनंदन पत्र का उद्बोधन किया और संस्थापक अध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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