Bareilly: जांच में फंसे पालिकाध्यक्ष और कई कर्मचारी, घोटालों के आरोपों की हुई पुष्टि, रिपोर्ट भेजी

Bareilly: जांच में फंसे पालिकाध्यक्ष और कई कर्मचारी, घोटालों के आरोपों की हुई पुष्टि, रिपोर्ट भेजी

बरेली, अमृत विचार: नगर पालिका परिषद फरीदपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा नेता अनिल प्रताप सिंह की शिकायतों की जांच कर अधिकारी ने जांच रिपोर्ट बुधवार को शासन को भेज दी है। रिपोर्ट के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष और कई कर्मचारियों के खिलाफ आरोपों की पुष्टि हुई है। 

भाजपा नेता ने 16 अक्टूबर 2024 को आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई थी, इसके बाद 24 अगस्त 2024 को बोर्ड बैठक में सभासद अजीम मियां सहित कई सदस्यों ने नगर पालिका परिषद फरीदपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ हंगामा करते हुए शासन स्तर पर जांच कराने की मांग की थी। 

कई बार सभासदों और अन्य ने जिलाधिकारी से शिकातय करके जांच की मांग की थी। इसके बाद जब आईजीआरएस पर शिकायत की गई तो जिलाधिकारी ने जांच उपजिलाधिकारी फरीदपुर को सौंप कर सभी आरोपों की बारीकी से जांच करने के लिए कहा था। उपजिलाधिकारी के निर्देश पर सफाई एवं खाद्य निरीक्षक सुरजीत सिंह ने पत्रावलियों की जांच पूरी कर अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्रा को रिपोर्ट सौंप दी। 

अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया की सफाई एवं खाद्य निरीक्षक की जांच रिपोर्ट के अनुसार एसी और कीटनाशक दवा की अलग-अलग विज्ञप्ति 13 जून 2024 को जारी की गई जो 13 जून 2024 को एक अप्रचलित समाचार पत्र में संदेहास्पद स्थिति में प्रकाशित पाई गई। कार्यों में कोटेशन दाताओं से कार्य करने के अधिकृत पत्र मांगे जाने के लिए पत्र जारी किए गए, परंतु अब्दुल रशीद खान ने किसी भी पत्र का जवाब न देना, मिलीभगत किए जाने की ओर इशारा करता है, जिस पर शासन स्तर से कार्रवाई होगी।

जांच में अलाव का भुगतान नियम विरुद्ध बिना सत्यापन किए तीन गुना अधिक करने के मामले सामने आए। जांच अधिकारी ने बताया कि संबंधित लिपिक प्रदीप कुमार के जवाब नहीं देने एवं भुगतान सक्षम अधिकारी के बिना सत्यापन कराए कर देने पर दोषी ठहराया गया है।

दूसरे आरोप में फॉगिंग मशीन की रिपेयरिंग के लिए लाखों रुपये के निर्माण कार्य की निविदाएं अप्रचलित अखबार में प्रकाशित कराकर अपनी चहेती फर्म को देने संबंधी आरोप लगाए गए हैं। पालिका कार्यालय में छह एसी बिना बोर्ड की स्वीकृति के खरीद कर लगा देने और भुगतान कर देने, नाला सफाई के लिए 40 श्रमिकों की अतिरिक्त मांग पालिका के सफाई विभाग की ओर से की गई परंतु आपूर्तिकर्ता फर्म को मनमाने तरीके से 50 श्रमिकों की आपूर्ति का आदेश लिपिक की मांग पर देने और बिना सत्यापन के भुगतान कर देने संबंधी आरोप लगे है।

सफाई व्यवस्था के सभी कार्यों को उत्तरदायी अधिकृत अधिकारी से न कराकर मनचाहे लिपिक से कराए जाने संबंधी शिकायत दर्ज की गई है, पालिका में दर्जनों कर्मचारी अनावश्यक रूप से आउटसोर्सिंग पर लगा दिए गए जिनकी उपस्थिति बिना प्रमाणित और सत्यापित किए मानदेय निकालने संबंधी शिकायत जांच में सही पाई गई। इससे यह पता चलता है कि नगर पालिका परिषद में ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार फैला है। 

जांच पूर्ण हो गई है, कई आरोप प सिद्ध साबित हुए हैं, आरोपों से संबंधित तथ्य एवं दस्तावेज संलग्न कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है, शासन स्तर पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी- शैलेंद्र कुमार मिश्रा अधिशासी अधिकारी।

शिकायत में जिन लिपिक एवं अधिकारियों और-कर्मचारियों पर आरोप लगे है, दोषी पाए जाने पर, उनकी जवाब देही तय करेंगे, मेरे पास अभी कोई जानकारी नहीं पहुंची है- शराफत जारीवाले, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष।

यह भी पढ़ें- Bareilly: पुलिसकर्मी बिना टिकट ट्रेन में काट रहे थे मौज, चेकिंग के दौरान पकड़े गए...108100 रुपये जुर्माना वसूला