दुश्मन की हर हरकत की देगा खबर ‘स्वान’ रोबोट...Kanpur IIT के स्टार्टअप महोत्सव अभिव्यक्ति में रक्षा, कृषि क्षेत्र में भविष्य के उत्पादों का प्रदर्शन
सेना, पुलिस के साथ सुरक्षा तथा जांच एजेंसियों के लिए सर्च आपरेशन व कॉम्बिंग में मददगार

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी में शुक्रवार से शुरू हुए स्टार्टअप महोत्सव ‘अभिव्यक्ति’ में रक्षा, कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में काम असान करने के लिए युवाओं के स्टार्टअप को निवेशकों ने जमकर सराहा। इस दौरान ‘स्वान’ रोबोट ने सभी को आकर्षित किया। यह रोबोट सेना, पुलिस के साथ सुरक्षा तथा जांच एजेंसियों के लिए बड़ा मददगार साबित हो सकता है।
स्टार्टअप महोत्सव में प्रदर्शित चार टांगों वाले ‘स्वान एम2’ रोबोट में हाई विजुअलिटी कैमरा और एआई का प्रयोग किया गया है। यह रोबोट सीमा पर देश के जवानों के साथ मिलकर दुश्मन से सीधा मोर्चा ले सकता है। दुश्मन पर निगरानी रखने के साथ उनकी हर गतिविधि को कैप्चर करेगा। इसमें लगे सेंसर इसे हर परिस्थिति और वातावरण में सर्च आपरेशन और कॉम्बिंग के अनुकूल बनाते हैं।
गड्ढे आने पर यह उछलकर बचाव करने में सक्षम है। दूर बैठकर इस स्वान रोबोट के कामकाज की मॉनीटरिंग की जा सकती है। एक्स टेर्रा रोबोटिक्स कंपनी के को-फाउंडर अविनाश भास्कर ने बताया कि आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल डिपार्टमेंट में इस रोबोट को तैयार किया गया है। अभी इस रोबोट का इस्तेमाल बड़ी तेल मिलों में किया जा रहा है।
समारोह में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी के नवाचार कल के भारत का निर्माण करेंगे। हम मिलकर ऐसे समाधान तैयार करेंगे जो न केवल समस्याएं दूर करेंगे, बल्कि देश के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोलेंगे।
महोत्सव में आईआईटी ने प्रो. श्री शिवकुमार द्वारा विकसित एक फेज चेंज मटेरियल बेस्ड थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम का अनावरण किया। यह ऊर्जा-कुशल तकनीक कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स में सुधार देती है, जो आइसक्रीम भंडारण और खाद्य संरक्षण जैसे अनुप्रयोगों के लिए बेहतर तापीय चालकता और ऊर्जा भंडारण प्रदान करती है। समारोह में आधिकारिक तौर पर इस प्रोडक्ट को लॉन्च किया गया।
सिडबी ने रक्षा नवाचार के लिए दिए 5 करोड़
सिडबी बैंक के उप प्रबंध निदेशक सुदत्त मंडल ने रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए 5 करोड़ रुपये प्रदान किए। यह राशि रक्षा-केंद्रित उद्यमशीलता और नवाचार को समर्थन देने के लिए दी गई। समारोह में पैनल चर्चा में भारत को तकनीकी महाशक्ति बनाने, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा का महत्व और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी नैतिक चुनौती जैसे विषय शामिल रहे। दो सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें एक समझौता ज्ञापन टैली के साथ वित्तीय प्रौद्योगिकी समाधान आगे बढ़ाने और दूसरा गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ स्वास्थ्य सेवा वितरण में सहयोगी अनुसंधान पर केंद्रित रहा।
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