पीलीभीत टाइगर रिजर्व की जंगल बुक बनेगी...संजो रहे सैलानियों का फीडबैक
पर्यटन सत्र के दौरान मिले अनुभवों को जंगल बुक में साझा करने की योजना
पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाघों समेत यहां की खासियत को लेकर सैलानियों द्वारा दिए गए फीडबैक को टाइगर रिजर्व प्रशासन देश-दुनिया के सामने लाएगा। पर्यटन सत्र के दौरान सैलानियों द्वारा दिए जा रहे फीडबैक को संजोकर रखा जा रहा है। पर्यटन सत्र समाप्त होने के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन जंगल बुक तैयार करेगा। इस जंगल बुक में ही सैलानियों के अनुभवों को साझा किया जाएगा।
तराई की गोद में बसा पीलीभीत टाइगर रिजर्व अपनी जैवविविधता के लिए देश-दुनिया में मशहूर होता जा रहा है। टाइगर रिजर्व का बीते 06 नवंबर से पर्यटन सत्र भी शुरू हो चुका है। पर्यटन सत्र के शुरुआती दौर से ही टाइगर रिजर्व सैलानियों से गुलजार है। जंगल की हरी-भरी वादियों के बीच बना इको टूरिज्म स्पॉट चूका बीच हर साल की तरह इस बार सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। खास बात यह है कि इस पर्यटन सत्र में आने वाले सैलानियों को टाइगर साइटिंग रोजाना हो रही है, जो किसी भी टाइगर रिजर्व में जाने वाले सैलानियों की पहली प्राथमिकता होती है। ऐसे में रोजाना हो रही टाइगर साइटिंग की वजह से यहां देशी सैलानियों के साथ-साथ विदेशी सैलानियों की संख्या में भी खासा इजाफा हो रहा है। इधर इस बार टाइगर रिजर्व प्रशासन ने यहां आने वाले सैलानियों से उनके अनुभवों को जानने के लिए पहली बार एक नई व्यवस्था की है। इसके तहत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने मुस्तफाबाद रेंज स्थित गेट पर व्हाइट बोर्ड लगवाए हैं। टाइगर रिजर्व में सैर-सपाटा करने के बाद सैलानी इस व्हाइट बोर्ड पर पीटीआर में गुजारे पलों को दर्ज कर रहे हैं। टाइगर रिजर्व प्रशासन के निर्देश पर सैलानियों के अनुभवों को संजोकर रखा जा रहा है। टाइगर रिजर्व प्रशासन सैलानियों को इन अनुभवों को देश-दुनिया के सामने लाएगा। पर्यटन सत्र के बाद टाइगर रिजर्व प्रशासन जंगल बुक तैयार करेगा। इसी जंगल बुक में सैलानियों के अनुभवों को साझा किए जाएगा।
टाइगर साइटिंग से सैलानियों के बीच बढ़ा क्रेज
नवंबर से फरवरी महीने को पर्यटन का पीक सीजन माना जाता है। पर्यटन सीजन के चलते पीलीभीत टाइगर रिजर्व सैलानियों के लिए इस बार 10 दिन पहले ही खोल दिया गया था। पीलीभीत टाइगर रिजर्व टाइगर साइटिंग का प्रमुख केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। वैसे जंगलों में बाघ को घूमते देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। मगर, कई लोगों के लिए आज भी बाघ को उसके नेचुरल हैबिटेट में देखना एक सपना है। ऐसे लोगों के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व बेहद मुफीद साबित हो रहा है। वन अफसरों के मुताबिक इस पर्यटन सत्र में लगभग रोजाना ही टाइगर साइटिंग हो रही है। यहां आने वाले सैलानी भी जंगल सफारी के दौरान दिखने वाले बाघों समेत अन्य वन्यजीवों से जुड़े वीडियो भी खूब सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। रोजाना टाइगर साइटिंग का ही परिणाम है कि यहां दिनों दिन सैलानियों की संख्या बढ़ रही है। टाइगर रिजर्व प्रशासन के मुताबिक पिछले पर्यटन सत्र में आने वाले 80 फीसदी सैलानियों को बाघ के दीदार हुए थे। जबकि इस बार पिछले सत्र से अधिक टाइगर साइटिंग हो रही है। इससे महज सैलानी ही नहीं बल्कि वन अफसर भी खासे गदगद हैं।
डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व मनीष सिंह ने बताया कि पर्यटन सत्र के दौरान आने वाले सैलानियों से इस बार फीडबैक भी लिया जा रहा है। इसको लेकर मुस्तफाबाद में व्हाइट बोर्ड लगवाए गए हैं। सैलानियों के अनुभवों का संकलन किया जा रहा है। पर्यटन सत्र के बाद सैलानियों के इन अनुभवों को साझा किया जाएगा।