नर्सेज के खाली पड़े कई पद, राजकीय नर्सेज संघ उप्र ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा पत्र
प्रदेश भर के 200 और 500 बेड की संख्या पर सृजित होने चाहिए पद
लखनऊ, अमृत विचार: नर्सेज के खाली पदों को पदोन्नति से भरे जाने की मांग को लेकर राजकीय नर्सेज संघ उप्र की ओर से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उप्र के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा गया है।
संघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि संवर्गवार 6 पद सृजित हैं। जिसमें मुख्य नर्सिंग अधिकारी, नर्सिंग अधीक्षक, उप नर्सिंग अधीक्षक, सहायक नर्सिंग अधीक्षक, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर व नर्सिंग ऑफिसर हैं। अशोक का कहना है कि मुख्य नर्सिंग अधिकारी और नर्सिंग अधीक्षक के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में महज एक-एक पद ही सृजित है, जबकि इन दोनों पद 500 और 200 या उससे ऊपर बेड की संख्या पर सृजित होना चाहिए। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में दोनों पदों को निदेशालय स्तर पर कर दिया है। करीब 10 साल से रिक्त भी किया गया है। उस पद का कार्य डाक्टरों से कराया जाता है। इस वजह से नर्सेज के उच्च पद पर पदोन्नति का भी अधिकार बंद कर रखा है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अनुसार 500 बेड पर एक मुख्य नर्सिंग अधिकारी एवं 200 बेड पर एक नर्सिंग अधीक्षक का पद अस्पतालों के लिए है, न कि निदेशालय स्तर पर।
रिक्त पड़े हैं पद
अशोक कुमार के मुताबिक निदेशालय स्तर पर ज्वाइंट डायरेक्टर एवं एडिशनल डायरेक्टर नर्सिंग संवर्ग का पद होना चाहिए। वहीं, उप नर्सिंग अधीक्षक के 18 पद सृजित हैं, जिसमें पांच भरे और 13 पद रिक्त है। यह भी बताया कि 25 नवंबर 2024 को सहायक नर्सिंग अधीक्षक के पद पर मात्र 177 लोगों की पदोन्नति की गई, जबकि 348 पद सृजित है। अन्य पदों पर पदोन्नति अभी भी नहीं हुई, जैसे सीनियर नर्सिंग आफिसर के सृजित पद 1724 के सापेक्ष 703 पद भरे हैं, 1021 पद रिक्त है।
हर साल जुलाई में हो एसीपी
संघ ने मांग की कि हर साल जुलाई में एसीपी (समयमान वेतनमान) हो जाना चाहिए। हर साल एसीपी दिया जाना चाहिए, लेकिन साल बीत गया। तीन से चार बार कमेटी की बैठक निदेशालय में हुई, फिर भी आज तक आदेश निर्गत नहीं हुआ है। मुख्य सचिव का निर्देश था कि 30 सितंबर तक पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए जाए।
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