बरेली: भ्रष्टाचार के आरोपी आरआई और कैशियर को सशर्त जमानत

बरेली: भ्रष्टाचार के आरोपी आरआई और कैशियर को सशर्त जमानत

बरेली, अमृत विचार। एआरटीओ कार्यालय शाहजहांपुर में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजे गये आरआई (तकनीकी) ब्रजेश कुमार व चीफ कैशियर प्रदीप शर्मा को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या द्वितीय से जमानत मिल गयी। अभियुक्तगण के अधिवक्ता अमजद सलीम ने जमानत अर्जी कोर्ट में पेश कर तर्क दिया कि अभियुक्तगण 10 सितम्बर को …

बरेली, अमृत विचार। एआरटीओ कार्यालय शाहजहांपुर में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजे गये आरआई (तकनीकी) ब्रजेश कुमार व चीफ कैशियर प्रदीप शर्मा को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या द्वितीय से जमानत मिल गयी। अभियुक्तगण के अधिवक्ता अमजद सलीम ने जमानत अर्जी कोर्ट में पेश कर तर्क दिया कि अभियुक्तगण 10 सितम्बर को गिरफ्तार हुये थे 11 सितम्बर को उन्हे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था।

अभियुक्तगण की न्यायिक अभिरक्षा की 60 दिनों की अवधि पूरी हो चुकी है। आज तक अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है, जबकि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167(2) में प्रावधान है कि ऐसे मामलों में जिसमें 10 वर्ष के कारावास से कम कारावास भी दिया जा सकता है और 60 दिन के अंदर यदि विवेचक चार्जशीट दाखिल नहीं करता है तो ऐसी दशा में 60 दिन की अवधि के उपरांत यदि अभियुक्त जमानत की याचना करता है तो उसे जमानत पर छोड़ दिया जायेगा।

इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमजद सलीम ने अदालत में सुप्रीम कोर्ट के मुकदमों की नजीर भी पेश की। एडीजीसी क्राइम ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अभियुक्तगण के खिलाफ मुकदमा चलाये जाने की प्रक्रिया शासन स्तर पर लंबित है। आरोप पत्र दाखिल करने की मियाद 60 दिन न होकर 90 दिन होगी। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने विवेचक को भी व्यक्तिगत तलब किया तो विवेचक द्वारा लिखित स्पष्टीकरण दिया गया कि 11 सितम्बर को विवेचना सुपुर्दगी के उपरांत 16 अक्टूबर को आख्या मुख्यालय उत्तर प्रदेश सर्तकता अधिष्ठान लखनऊ को प्रेषित की गयी। मुख्यालय से 23 अक्टूबर को दो अन्य बिन्दुओं को भी विवेचना में शामिल करने की आपत्ति व निर्देश देते हुए आख्या वापस करने के उपरांत 29 अक्टूबर को मैंने पुनः आख्या मुख्यालय प्रेषित की।

आख्या का परीक्षण होने उपरांत मुख्यालय से उत्तर प्रदेश शासन को आख्या भेज दी गयी किंतु अब तक शासन से न तो मुख्यालय को और न ही मुझ विवेचक को कोई निर्देश मिला है इस कारण आरोप पत्र प्रेषित नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने विधि का परीक्षण कर अभियुक्तगण को जमानत पाने का हकदार पाते हुए दोनों अभियुक्तों को 50 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र व इतनी ही धनराशि के दो-दो जमानती पेश करने पर सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

ताजा समाचार

अमेरिकी शुल्क को लेकर बातचीत के लिए राष्ट्रीय कार्यबल का गठन करे सरकार: कांग्रेस ने की केंद्र से मांग
हेल्थी लाइफस्टाइल जीने के लिए घर पर ही करें ये काम, शरीर रहेगा रोगमुक्त 
फर्रुखाबाद में हार्डवेयर पेंटस की दुकान में लगी आग, लाखों का नुकसान; पीड़ित बोला- जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासन के अधिकारी ने नहीं ली सुध
IPL 2025: "लेकिन मुझे ऐसा करना पड़ा..." महेला जयवर्धने ने बताया क्यों तिलक वर्मा को किया रिटायर आउट
74 साल के रजनीकांत देंगे ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर को टक्कर, बॉक्स ऑफिस पर होगा 2025 का महाक्लैश
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करवार नौसैनिक अड्डे पर विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का किया उद्घाटन