बरेली : किसानों का 225 करोड़ का बकाया दबाए बैठी हैं मंडल की 13 चीनी मिले
समय पर भुगतान न होने से किसान हो रहे परेशान, पुराना भी नहीं मिला
बरेली, अमृत विचार। शासन और प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद गन्ना किसानों का समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। बरेली मंडल की 13 चीनी मिलों पर नए और पुराने का अब तक का 225 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है। भुगतान न होने से किसान परेशान हैं।
मंडल के बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं की 13 मिलें नवंबर और तीन दिसंबर के पहले सप्ताह में चालू हो गई थीं। अफसरों का दावा है कि सभी चीनी मिले पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं लेकिन किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है। शासन के 14 दिनों में भुगतान के निर्देश का भी मिलें पालन नहीं कर रही हैं। गन्ना विभाग के आंकड़ों के अनुसार मंडल की सिर्फ चार मिलें जिनमें बरेली की फरीदपुर स्थित द्वारिकेश, मीरगंज की धामपुर, पीलीभीत की एलएच, शाहजहांपुर की रोजा मिल ही समय पर भुगतान कर रही हैं। बरेली की बहेड़ी में केसर और नवाबगंज की ओसवाल मिल पर तो कई करोड़ रुपये का बकाया पिछले सत्र का ही है। उपायुक्त गन्ना राजीव राय मंडल की सभी मिलों को निर्धारित समय में भुगतान के निर्देश दिए हैं। देरी करने वाली मिलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी करके दबाव बनाया जाता है। हाल ही में भुगतान में देरी पर सात मिलों का नोटिस दिया गया है।
मिलों की भुगतान की स्थिति
बरेली में बहेड़ी की केसर मिल पर 104 करोड़, नवाबगंज की ओसवाल मिल पर 10.25 करोड़, सेमीखेड़ा की सहकारी मिल पर पांच करोड़, पीलीभीत के बरखेड़ा स्थित बजाज मिल पर 66.76 करोड़, बीसलपुर की सहकारी मिल पर पांच करोड़, पूरनपुर की सहकारी मिल पर 69 लाख, शाहजहांपुर के मकसूदापुर मिल पर 66.73 करोड़, तिलहर की सहकारी मिल पर 9.72 करोड़, पुंवाया की सहकारी मिल पर 11 करोड़, बदायूं के बिसौली की यदु मिल पर 27 करोड़ और बदायूं की सहकारी मिल पर ढाई करोड़ यानी कुल 225 करोड़ रुपये किसानों का बकाया है।
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