Atal Bihari Vajpayee Jayanti: राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

Atal Bihari Vajpayee Jayanti: राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कृतज्ञ राष्ट्र ने दिवंगत नेता को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि ‘सदैव अटल’ पर राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष के अलावा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप सिंह पुरी, किरेन रिजीजू, अश्विनी वैष्णव, पीयूष गोयल, भूपेंद्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े, अरुण सिंह तथा पार्टी के अनेक पदाधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

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दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य, दामाद रंजन भट्टाचार्य एवं उनकी पुत्री, ग्वालियर से आए श्री वाजपेयी के अन्य परिजनों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर भजन गायन भी आयोजित किया गया। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने गायक मंडली के सदस्यों से भेंट की और उनकी कुशल क्षेम पूछी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण के साथ जिस प्रकार देश को एक नई दिशा और गति दी, उसका प्रभाव हमेशा अटल रहेगा। यह मेरा सौभाग्य रहा है कि मुझे उनका भरपूर सान्निध्य और आशीर्वाद मिला।’’

भारतीय राजनीति में अजातशत्रु के रूप में विख्यात अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी अद्भुत वक्तृत्व शैली से अपार लोकप्रियता हासिल की। उनका जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में एक शिक्षक पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर में हुआ था। वह 1957 में पहली बार लोकसभा में निर्वाचित हुए थे और पहली बार 1984 में ग्वालियर लोकसभा सीट पर चुनाव में पराजित हुए थे। श्री वाजपेयी 1977 में जनता पार्टी की सरकार में विदेश मंत्री रहे। वह 1996 में 13 दिन के लिए, 1998 में 13 माह के लिए और 1999 में पूरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री रहे। श्री वाजपेयी खराब स्वास्थ्य के कारण 2009 में राजनीति से अलग हो गये। उनका निधन 16 अगस्त 2018 में हुआ।

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