पीलीभीत: जहरीली शराब के धंधेबाज साले-बहनोई समेत तीन को उम्रकैद, जानें मामला
पीलीभीत, अमृत विचार: अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना ने जहरीली शराब बनाने और उसकी बिक्री करने के मामले में सुनवाई के बाद कोतवाली दियोरियाकलां के गांव बड़ी महदखास निवासी रामबहादुर पुत्र आत्माराम, बच्चू पुत्र रामपाल और जमुना प्रसाद पुत्र आत्माराम को दोषी पाते हुए प्रत्येक को उम्रकैद और 35-35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। बता दें कि आरोपी रामबहादुर और जमुना प्रसाद हिस्ट्रीशीटर हैं। जबकि तीसरा आरोपी बच्चू रामबहादुर का साला है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता विमल वर्मा ने की।
अभियोजन कथानक के अनुसार 23 जून 2019 को समय करीब 03.15 बजे थाना दियूरियाकलां के दरोगा विपिन कुमार अपनी टीम के साथ थाना क्षेत्र में ही शांति व्यवस्था और देख रेख में थे। ग्राम सिधौरा बिन्दुआ पहुंचने पर गांव से निकलते ही सूचना मिली कि महदखास के रामबहादुर, जमुना प्रसाद और उनका साला बच्चू महदखास गांव के दक्षिण में नदी के किनारे शराब बना रहे हैं। इसके बाद पुलिस टीम ने छापेमारी की और तीनों आरोपियों को अवैध शराब बनाते देखा।
घटना वाले स्थान पर कच्ची शराब की दुर्गन्ध फैली हुई थी। पुलिस ने घटना स्थल से आरोपी रामबहादुर को पकड़ लिया। दो आरोपी भागने में सफल रहे। साथ ही शराब बनाने के उपकरण, 300 लीटर अवैध शराब एवं यूरिया खाद बरामद की। एक हजार लीटर लहन को पुलिस टीम ने मौके पर ही नष्ट किया। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की विवेचना कर तीनों आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में अपमिश्रित शराब होने एवं इसमें यूरिया मिश्रित होने की पुष्टि हुई। न्यायालय ने अक्टूबर 2019 को आरोपियों के विरुद्ध आरोप विरचित किए। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना की अदालत में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरान्त तीनों आरोपियों को जहरीली शराब बनाने और उसका व्यापार करने का दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
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