अमरोहा में देर रात तक गुलजार रही अदब की महफिल, कवियों और शायरों ने बांधा समां
अमरोहा, अमृत विचार : नगर पालिका परिषद के टाउन हॉल मैदान पर शनिवार शाम दैनिक अमृत विचार ने नगर पालिका परिषद के साथ मिलकर नारी शक्ति के सम्मान में शेर-ओ-शायरी की ऐसी शानदार शाम सजाई कि खचाखच भरा टाउन हॉल मैदान वाह-वाह के शोर से गूंजता रहा। कड़ाके की ठंड के बावजूद देर रात लोग कवियों और शायरों को सुनते रहे। अपनी फरमाइशों का शोर मचाते रहे। हर पेशकश पर श्रोता तालियों और वाह-वाह से कवियों और शायरों का उत्साह बढ़ाते रहे।
कानपुर से आईं विश्वविख्यात शायरा शबीना अदीब की शायरी को लोगों ने बड़े मन से सुना। लोगों की मांग पर उन्होंने लोगों की पसंद की रचनाएं पेश कीं। तुम जहां हो, मैं वहीं हूं तुम समझते क्यों नहीं। बिन तुम्हारे कुछ नहीं हूं, तुम समझते क्यों नहीं। लोगों की मांग पर शबीना ने सुनाया- खामोश लब हैं, झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फत नई-नई है। जो खानदानी रईस हैं, मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है।
अलीगढ़ से आईं मुमताज नसीम का यह अंदाज खूब पसंद किया गया - पागलपन में क्या बतलाऊं सजना क्या-क्या भूल गई, तुमसे मिलकर लौट रही थी, घर का रस्ता भूल गई। लखनऊ से आए पपलू लखनवी ने लोगों को खूब हंसाया। मुशायरे से पहले नासिर नकवी ने जॉन एलिया को उनकी शायरी और हिंदुस्तान से बेपनाह मोहब्बत के लिए याद किया। मंसूर उस्मानी की निजामत और महबूब हुसैन जैदी की सदारत में हुआ यह शानदार मुशायरा प्रो. वसीम बरेलवी की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
इससे पहले मंडलायुक्त ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद मंडलायुक्त ने समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस दौरान अमरोहा नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष शशि जैन के अलावा अमृत विचार के डायरेक्टर डॉ. अर्जुन अग्रवाल, अमृत विचार के समूह संपादक शंभू दयाल वाजपेयी, अमरोहा पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह, प्रसिद्ध शायर शबीना अदीब, मुमताज नसीम, मंजर भोपाली, अकील नोमानी, वसीम बरेलवी, डॉ. सर्वेश अस्थाना, मंसूर उस्मानी व प्रोफेसर नासिर नकवीं शामिल रहे।
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