लखनऊ में बनेंगे 34 नए विद्युत उपकेंद्रः 28 जगह भूमि चिह्नित, 9 के लिए भूमि की तलाश जारी
लखनऊ, अमृत विचार: गर्मियों में उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने तैयारी शुरू कर दी है। राजधानी सहित मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के 19 जिलों में 33 केवी के 150 विद्युत उपकेंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 34 उपकेंद्र राजधानी में बनेंगे। नए उपकेंद्र बनने से 50 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने की तैयारी है। पड़ोसी जिले रायबरेली में 13 और अयोध्या में भी दो उपकेंद्र बनेंगे। कॉरपोरेशन के एमडी पंकज कुमार ने बताया कि कुछ उपकेंद्रों का कार्य पूरा कर आपूर्ति भी शुरू की जा चुकी है। राजधानी के 25 जगहों पर भूमि का चयन हो चुका है। इसमें आठ उपकेंद्र लगभग लगभग पूरे हो चुके हैं। 9 जगह अभी जमीन की तलाश की जा रही है।
इन जिलों मे बन रहे नये बिजलीघर
बरेली में 15, सुल्तानपुर में 14, रायबरेली में 13, गोंडा में 11, बलराम में 8, उन्नाव व अमेठी में 5-5, सीतापुर और हरदोई में 4-4, लखीमपुर में 3 और अयोध्या में दो बिजलीघर बनाने की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पुराने उपकेंद्रों को भी किया जाएगा अपग्रेड
उपकेंद्रो में 1800 एमवीए क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। जिन सबस्टेशनों पर 10 या 5 एमवीए से कम क्षमता के ट्रांसफार्मर लगे हैं, वहां पर दोगुने क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाने की कार्य योजना बनाई जा रही है। इसकी टेंडर प्रकिया में दूसरे प्रदेशों की कंपनियों को शामिल किया जा रहा है। विभिन्न जिलों में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति देने के लिए आरडीएसएस योजना के तहत 33 केवीए की लगभग 2491 किमी की लाइन विभिन्न उपकेंद्रों में अंडरग्राउंड जाएंगी। केबल के माध्यम से1450 सबस्टेशनों को दूसरे माध्यम से बिजली सप्लाई होना शुरू हो जायेगी।
जीएसआई (GSI) तकनीक से भी बन रहे कुछ उपकेंद्र
मध्यांचल के एमडी के भवानी सिंह खंगरौत ने बताया कि कई उपकेंद्र जीएसआई के माध्यम से बन रहे हैं। इन उपकेंद्र पर बिजली कटौती की समस्या को दूर कर दिया जायेगा। इस तरह के बिजली उपकेंद्र का कम जगह पर बनाया जा सकता है। तेज हवा के चलने पर बिजली ट्रिप हो जायेगी, हवा के थमने पर तुरंत सप्लाई चालू हो जायेगी।
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