पीलीभीत: अधिवक्ता से मारपीट के मामले में पांच पुलिस वाले लाइन हाजिर
पूरनपुर, अमृत विचार। हादसे के एक मामले में पैरवी करने गए अधिवक्ता के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की और बताने के बावजूद अधिवक्ता को हवालात में बंद कर दिया। अन्य अधिवक्ताओं ने पहुंचकर उन्हें छुड़ाया। इसे लेकर मामला तूल पकड़ गया और अधिवक्ताओं ने तहसील में धरना प्रदर्शन करते हुए कोतवाल को हटाने और दरोगा सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एएसपी ने पांच पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। अधिवक्ता कोतवाल को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
बताते हैं कि बुधवार रात मोहल्ला कायस्थान के रहने वाले अधिवक्ता अभिषेक जायसवाल साथी अधिवक्ता उदित शर्मा के साथ कोतवाली में एक्सीडेंट के मामले में पैरवी करने गए थे। आरोप है कि इस दौरान कोतवाल के कहने पर राहुल शर्मा समेत अन्य छह पुलिस कर्मियों ने अधिवक्ता अभिषेक जायसवाल के साथ मारपीट कर हवालात में बंद कर दिया। अधिवक्ता ने आई कार्ड दिखाकर अपना परिचय दिया। इसके बावजूद पुलिस कर्मियों ने उनके साथ अभद्रता की। किसी तरह इसकी सूचना साथी अधिवक्ताओं को दी गई। उन्होंने कोतवाली पहुंचकर अभिषेक को हवालात से बाहर निकलवाया। आरोप है कि हवालात से बाहर निकालने के बाद भी पुलिस कर्मियों ने अधिवक्ता को कार्यवाही करने पर झूठे मुकदमें जेल भेजने की धमकी दी। गुरुवार को प्रगतिशाील अधिवक्ता एसोसिएशन के अध्यक्ष अमिताभ मिश्रा के नेतृत्व में तहसील परिसर पहुंचे और कोतवाली में साथी अधिवक्ता अभिषेक जायसवाल के साथ हुई मारपीट को लेकर प्रदर्शन किया। जानकारी लगते ही कोतवाल नरेश कुमार त्यागी पुलिस बल के साथ तहसील पहुंच गए। बातचीत के दौरान उनकी अधिवक्ताओं से नोकझोंक होने लगी। अधिवक्ताओं का आ्रकोश बढ़ता देख कोतवाल वहां से चले गए। इसके बाद दर्जनों अधिवक्ता पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। जानकारी लगते ही सीओ विशाल चौधरी मौके पर पहुंचे और अधिवक्ताओं को समझाया लेकिन वह नहीं माने और कोतवाल को हटाने की मांग करने लगे। सूचना मिलने पर एएसपी वीरेंद्र कमुार और सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी भी तहसील पहुंचे। उन्होंने अध्यक्ष अमिताभ मिश्रा से इस प्रकरण को लेकर वार्ता की। अधिवक्ताओं ने कोतवाल को हटाने और मारपीट करने वाले दरोगा सहित छह पुलिस कर्मियों को हटाने की मांग की। इस पर तत्काल प्रभाव से एएसपी ने दरोगा राहुल शर्मा और पांच सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया। जांच के बाद कोतवाल को हटाने का अश्वासन दिया। इस दौरान एसडीएम अजीत प्रताप सिंह, सीओ विशाल चौधरी, नायब तहसीलदार ऋषिकांत दीक्षित सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
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