बाराबंकी: उड़ता 'कोटवासड़क'! युवाओं को तबाह कर रहा‌ स्मैक का नशा, बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी

छह तस्करों की गिरफ्तारी के साथ पुलिस की मिलीभगत भी आई सामने

बाराबंकी: उड़ता 'कोटवासड़क'! युवाओं को तबाह कर रहा‌ स्मैक का नशा, बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी

रिशू गुप्ता/बाराबंकी। कोतवाली क्षेत्र के कोटवासड़क में काफी सालों से फलफूल रहे नशे के कारोबार पर रोक लगाने के उद्देश्य से मंगलवार देर शाम क्राइम ब्रांच की स्वाट, सर्विलांस और रामसनेहीघाट पुलिस की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन किया। जहां एक तस्कर के मकान में छापा मारकर 60 लाख की अवैध स्मैक और एक बोरे में भरे 23 लाख 72 हजार रुपये बरामद किए थे। 

इस मामले में मिलीभगत को लेकर हथौधा चौकी प्रभारी शशिकांत सिंह समेत तीन पुलिसकर्मियों को पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने निलंबित भी कर दिया। जबकि प्रभारी निरीक्षक रामसनेहीघाट के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। हालांकि जिस कोटवा सड़क में स्मैक के नशे के इस काले कारोबार का भांडाफोड़ हुआ है, वह कोई नई बात नहीं है। यहां इसकी जड़ें सालों पुरानी हैं। 

जैदपुर के बाद कोटवासड़क नशे के कारोबारियों का नया अड्डा बन गया। यहां के होटल, ढाबे, नदी और नालों के किनारे नशेबाजों की महफिल सजती है। जिसका नतीजा है कि आज कोटवा सड़क इलाका पूरी तरह से स्मैक के नशे की गिरफ्त में है और इसकी वजह से क्षेत्र की अगली पीढ़ी बर्बाद हो रही है। स्मैक का नशा लोग सूंघकर व नसों में इंजेक्शन लगाकर करते हैं।

साल 2016 में फिल्म 'उड़ता पंजाब' आई थी। जिसमें पंजाब के कई जिलों में फैले ड्रग्स रैकेट और उसकी चपेट में आ रही युवा पीढ़ी को दिखाया गया था। ठीक कुछ वैसा ही हाल कोटवा सड़क का भी है। गुरुवार को नाम न छापने पर की शर्त पर एक युवक ने बताया कि स्मैक के नशे ने उसकी जवानी छीन ली और उसे नशेड़ी बना दिया। पढ़ाई के दौरान तम्बाकू और सिगरेट का नशा करना शुरु किया। बाद में कोटवा सड़क में आसानी से मिलने वाली स्मैक लेना शुरू किया। इलाके में नशे का यह काला कारोबार कई सालों से बेधड़क फलफूल रहा है। इसी के चलते पढ़ाई के दौरान दोस्तों ने नशे के कई तरीके सिखा दिए। इन सबमें ज्यादा स्मैक खतरनाक साबित हुआ। एक बार स्मैक लेने के बाद सुबह से शाम तक नशा रहता है। भिटरिया के जिस व्यक्ति के साथ इस नशे को करना सीखा। उसकी इसी लत की वजह से मौत भी हो गई। 

युवक के मुताबिक उसे कई बार पुलिस भी पकड़कर ले जा चुकी है। एनडीपीएस एक्ट के तहत बाराबंकी जेल की हवा भी खा चुका हूं। आज हालत यह है कि चाहकर भी स्मैक का नशा नहीं छोड़ पा रहा हूं। घरवालों के साथ ही समाज भी हेय दृष्टि से देखता है। तब पता नहीं था कि एक छोटी सी पुड़िया मेरा भविष्य इस कदर बर्बाद कर देगा। बुरी तरह नशे का शिकार हुआ यह स्थानीय युवक अपनी यह कहानी बयां करते करते फफक फफक कर रो भी पड़ा। इस इलाके में स्मैक का नशे करने वाल सभी लोगों का कमोबेश ऐसी ही हाल है।

युवक की अगर मानें तो कोटवा सड़क में स्मैक नशे के कारोबार का कनेक्शन कई जिलों और राज्यों में फैला है। अभी तक तस्करों से चल रही मिलीभगत के चलते पुलिस सिर्फ 40-50 ग्राम स्मैक पीने वालों को जेल भेजती थी। लेकिन मंगलवार को बेचने वालों के यहां छापा डाला। कोटवा सड़क में एक बिरादरी के कई परिवार इस धंधे में लिप्त हैं। जिसमे से एक परिवार के कई लोग तो जेल में भी बंद हैं और एक को मंगलवार को पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। युवक के मुताबिक स्मैक के नशे में जो एक बार पड़ जाता है, तो उसे इस कदर सताने लगता है कि उसके लिए चोरी करना भी शुरू कर देता है। 

युवक ने बताया कि उसने कई बार इस नशे को छोड़ने की भी कोशिश की, लेकिन छोड़ नहीं पाया। उसका घर इसी में बर्बाद हो गया। उसकी शादी भी नहीं हो सकी। नशे के काले कारोबार और नशे की लत में इस इलाके के तमाम युआओं की जवानी डूब रही है। उसने कहा कि अब तक स्मैक के नशे के लिये पंजाब ही बदनाम था लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि जिस जिले को देवा महादेवा की भूमि कहा जाता है, वह बाराबंकी जिला भी नशे का शिकार हो गया है। यहां तक की दूर दूर के कॉलेजों में पढ़ने वाले बड़े घरों के लड़के व लड़कियां भी कोटवा सड़क में स्मैक का नशा करने आते हैं। 

जिले में तस्करों के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। कई बड़ी कार्रवाइयों के चलते तस्करों की कमर टूटी है। व्हाट्सएप के माध्यम से तस्करों के कई अहम सुराग पुलिस को मिल रहे हैं। पुलिस लगातार इनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है-दिनेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक।

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