कानपुर के औद्योगिक क्षेत्रों में केबिल बिछाने को बनेंगी डक्ट: नए वित्तीय वर्ष में शुरू होगा पनकी और चकेरी में विकास कार्य

कानपुर के औद्योगिक क्षेत्रों में केबिल बिछाने को बनेंगी डक्ट: नए वित्तीय वर्ष में शुरू होगा पनकी और चकेरी में विकास कार्य

कानपुर, अमृत विचार। पनकी और चकेरी औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्यों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट कंसल्टेंट जनवरी में बनाएगा। इसके बाद उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ठेकेदार के चयन के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करेगा। नए वित्तीय वर्ष में इन औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य कराए जाने हैं। 

अब सड़कों के किनारे डेढ़ से दो मीटर गहरी डक्ट बनाई जाएंगी। इन्हीं में दूरसंचार कंपनियों के केबल, बिजली के केबल डाले जाएंगे ताकि जब भी फाल्ट हो, आसानी से डक्ट में उतर कर मम्मरत का कार्य हो सके। डक्ट बनने से फाल्ट बनाने के लिए सड़क खोदने की झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। अफसर यह अनुमान लगा रहे हैं कि दोनों औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में करीब 2 अरब रुपये का खर्च आएगा।

पनकी और चकेरी औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम की सीमा में आते हैं। नगर निगम यहां विकास कार्य कराता है और टैक्स की वसूली भी करता है, लेकिन दोनों ही औद्योगिक क्षेत्र अब नगर निगम से वापस लेकर वहां विकास कार्य प्राधिकरण ही कराएगा। 

विकास कार्य पूरे हो जाने के बाद फिर से इन औद्योगिक क्षेत्रों को नगर निगम को हस्तांतरित किया जाएगा। अभी इन क्षेत्रों में समस्याओं का अंबार है। पनकी औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें टूटी हुई हैं। नाले टूट गए हैं परिणाम स्वरूप जरा सी बारिश में पानी भर जाता है। इससे कारखाने भी बंद करने पड़ते हैं और माल भी कई बार भीग जाता है। 

नगर निगम जो टैक्स वसूलता है उसका 60 फीसद हिस्सा इस औद्योगिक क्षेत्र में खर्च होना चाहिए लेकिन इस नियम का नगर निगम पालन भी नहीं करता है। यही वजह है कि अब प्राधिकरण ने विकास की जिम्मेदारी खुद ही ले ली है। सड़कों का निर्माण फुल डेफ्थ रीक्लेमेशन तकनीक ( एफडीआर) से किया जाएगा ताकि सड़क जल्दी टूटे न और लागत भी कम आए। 

हाई मास्ट लाइटें लगेंगी

पूरे औद्योगिक क्षेत्र में हाई मास्ट लाइटें लगेंगी। ये लाइटें सेंसर युक्त होंगी ताकि इन्हें जलाने और बुझाने का झंझट न रहे। सुबह होते ही अपने आप बुझ जाएंगी और सूरज के ढलते ही जल जाएंगी। एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरे लेंगे और इन कैमरों को कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए इस सेंटर की स्थापना की जाएगी। 

पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम भी लगेंगे। पॉल्यूशन मॉनिटरिंग सिस्टम लगेंगे। इससे क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर का आकलन आसानी से हो जाएगा। ट्रैफिक लाइट्स, प्रवेश द्वार, ट्रक पार्किंग टर्मिनल, बस शेल्टर, डॉर्मेटरी, यूरिनल्स, ईवी चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

ये भी पढ़ें- कानपुर में केडीए नए जुड़े गांवों में विकास का खाका खींचेगा: अवैध निर्माण और सोसायटी क्षेत्रों पर लगेगी लगाम