बरेली की महिलाओं को लगी नशे की लत, आखिर क्यों बन रहीं तस्कर? पढ़ें पूरी खबर
दिग्विजय मिश्रा, बरेली। जिले में मादक पदार्थों का नशा करने में महिलाएं भी शामिल हैं। महिलाएं नशे की लत में फंसने के बाद पैसे न दे पाने पर तस्करी करने लगती हैं। पांच साल में बरेली पुलिस ने 76 महिला तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार कर जेल भेजी गईं 70 फीसदी महिला तस्कर नशे की लत में फंसने के बाद तस्करी करने लगीं। पकड़ी गई महिलाओं की उम्र 22 से 50 वर्ष के बीच है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या गरीब परिवारों की महिलाओं की है। 30 फीसदी महिलाएं ऐसी भी हैं जो कि परिवार का खर्च चलाने के लिए भी तस्कर बनीं। महिलाओं में इस्तेमाल होने वाले सबसे ज्यादा मादक पदार्थों में कोकिन, सुलफा, स्मैक, अफीम, मोर्फिन और स्नेक बाइट शामिल हैं।
तस्करी के लिए सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल
पुलिस के अनुसार महिला तस्कर सबसे ज्यादा अपने प्राइवेट पार्ट्स या फिर अंडर गारमेंट्स में ड्रग्स छिपाकर तस्करी करती हैं, ताकि आसानी से पकड़ में न आएं। ऐसे कई मामलों में महिला पुलिसकर्मियों ने तलाशी में ड्रग्स बरामद भी किए हैं। ये तस्करी के लिए कभी निजी वाहन का इस्तेमाल नहीं करतीं और ऑटो, टैक्सी या फिर बस में ज्यादा सफर करती हैं। पकड़े जाने की स्थिति बनने पर ये ड्रग्स वाहन के अंदर फेंक कर भी फरार हो जाती हैं।
जिले से सटे दूसरे प्रदेश की भी महिला तस्कर सक्रिय
उत्तराखंड से सटा होने की वजह से जिले की महिलाएं वहां की महिला तस्करों के साथ भी संपर्क में रहती हैं और यहां से दूसरे प्रदेश में भी मादक पदार्थों की सप्लाई लेने या देने के लिए करती रहती हैं। हालांकि पुलिस की सक्रियता के कारण महिला तस्करों की संख्या कम हुई है।
साल रिपोर्ट गिरफ्तार
2020 17 19
2021 19 23
2022 9 11
2023 16 17
2024 6 6
तस्करी रोकने को गठित की स्पेशल सेल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए स्पेशल सेल गठित की गई है। इस साल तस्करी में गिरावट आई है। कई तस्करों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है। गोपनीय नंबर के जरिए भी लगातार अपराधियों पर कार्रवाई की जा रही है।
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