मोहिनी हत्याकांड: विवेचना से संतुष्ट नहीं है आरोपी अधिवक्ता, जानें पूरा मामला
कासगंज, अमृत विचार: महिला अधिवक्ता मोहिनी हत्याकांड के मामले में पीड़िता के परिजन संतुष्ट नहीं है। वहीं दूसरी तरफ जेल में निरुद्ध आरोपी अधिवक्ता विवेचना से संतुष्ट नहीं है। विवेचना बदलने की मांग कोर्ट से की है। कोर्ट ने इस मामले में एसपी से कार्रवाई की संस्तुति कर दी है। हालांकि अभी विवेचना नहीं बदली गई है।
बता दें, बीती सितंबर को महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर कोर्ट के मुख्य द्वार से लापता हो गई थीं। चार सितंबर को उनका शव गोरहा नहर के रजपुरा गांव के समीप मिला। परिजनों ने शव की शिनाख्त मोहिनी के रुप में की। अधिवक्ता की हत्या के बाद साथी अधिवक्ताओं में आक्रोश पनप गया। कई दिन तक हड़ताल चली। मामला तूल पकड़ता रहा।
पुलिस ने इस मामले में आरोपी अधिवक्ता मुस्तफा कामिल, मुनाजिर रफी, केशव मिश्रा, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा और सलमान को जेल भेज दिया। बाद में एक ओर नया मोड़ आया। एक महिला और पुरुष को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इन महिला पुरुष ने सुपारी किलर सुनील फौजी और रजत सोलंकी का नाम लिया, लेकिन यह दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके है। जिससे पुलिस की मुसीबत बढ़ गई। अब जेल में बंद आरोपी अधिवक्ताओं ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
आखिर कैसे लगे गी चार्जसीट
चार्जसीट दाखिल करने के लिए घटना के बाद 90 दिन का समय होता है। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी सुनील उर्फ फौजी है। वह फरार है। ऐसे में तीन दिसंबर को 90 दिन पूरे हो जायेंगे, तो चार्जसीट दाखिल करना पुलिस के लिए टेड़ी खीर बन जाएगी।
चार्जसीट लगने का समय नजदीक आ गया है। न्यायालय ने विवेचना बदलने के लिए संस्तुति की है। उच्चधिकारी विचार कर रहे हैं- राजेश भारती, एएसपी।
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