कुछ शिशु इतने ज्यादा बालों के साथ क्यों पैदा होते हैं? मन में है ये सवाल तो जान लीजिए जवाब
सिडनी। शिशु शरीर पर पतले, मुलायम, छोटे और हल्के रंग के बालों के साथ पैदा होते हैं, जिन्हें ‘लानुगो’ (गर्भरोम) कहते हैं। यह शब्द लैटिन शब्द ‘‘लाना’’ से बना है जिसका मतलब ‘ऊन’ होता है। कुछ शिशुओं में बाल मुश्किल से दिखाई देते हैं। कुछ में, बहुत सारे बाल होते हैं, खासकर चेहरे, कंधों, पीठ और सिर के आसपास। हालांकि, किसी भी तरह से ‘लानुगो’ चिंता की बात नहीं है और जन्म के कुछ सप्ताह बाद यह अपने आप ही गायब हो जाते हैं।
जन्म के समय कुछ शिशुओं के शरीर पर इतने ज्यादा बाल क्यों होते हैं?
लानुगो गर्भावस्था के तीसरे महीने के आसपास भ्रूण पर दिखाई देता है। भ्रूण गर्भ में जैसे-जैसे विकसित होता है, सातवें महीने तक ये बाल घने होते जाते हैं। यह शिशु के शरीर के अधिकांश हिस्से को ढंक लेता है, सिवाय उन क्षेत्रों को छोड़कर जहां बाल नहीं होते। सभी बच्चे ‘लानुगो’ के साथ पैदा नहीं होते, लेकिन गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु में ये गर्भरोम जरूर होते हैं। अधिकांश शिशुओं में ये गर्भावस्था के 33-36 सप्ताह के आसपास गर्भ में ही निकल जाते हैं, जहां ये एमनियोटिक द्रव के साथ मिल जाते हैं और गर्भस्थ शिशु इन्हें निगल लेते हैं।
इसके बाद लानुगो उनके शरीर की प्रणाली से होकर गुजरता है और उनके पहले मल का हिस्सा बन जाता है, जिसे ‘मेकोनियम’ कहा जाता है। हालांकि, समय से पहले पैदा हुए शिशुओं के शरीर पर बहुत अधिक बाल होते हैं, क्योंकि लानुगो को झड़ने का अवसर नहीं मिल पाता। वर्निक्स (जन्म के समय शिशु की त्वचा पर लगा सफेद पदार्थ) के निकलने के बाद, कुछ सप्ताह तक थोड़ी मात्रा में लानुगो शिशु के शरीर पर रह सकता है।
नवजात लड़की और लड़के में लगभग समान संख्या में बाल होते हैं, जिनकी जगह बाद में मोटे बाल आ जाते हैं जो जीवन भर बने रहते हैं। जन्म के तीसरे महीने के बाद सिर पर मौजूद लानुगो की जगह स्थायी बाल आ जाते हैं। ये बाल लंबे होते हैं और जन्म 12 से 24 महीनों के बीच झड़ जाते हैं। झड़ने के बाद बच्चे के ज्यादातर बाल स्थायी हो जाते हैं। अगर शिशु के शरीर पर बहुत सारे बाल हैं, तो माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है। आम तौर पर ये कुछ हफ्तों में गायब हो जाते हैं।
जन्म के पहले कुछ हफ्तों में 30 प्रतिशत शिशुओं में लानुगो मौजूद हो सकते हैं। हालांकि, ‘हाइपरट्रिकोसिस लानुगिनोसा’ एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जो लानुगो या लानुगो जैसे बालों की अत्यधिक वृद्धि का कारण बनता है। शिशु इस आनुवंशिक स्थिति के साथ पैदा हो सकता है या यह जीवन में बाद में विकसित हो सकता है। यह किसी स्वास्थ्य स्थिति, खाने के विकार या कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण हो सकता है।
लानुगो का उद्देश्य क्या है और क्या यह वास्तव में सीने में जलन से जुड़ा है?
लानुगो नवजात शिशु की त्वचा की रक्षा करता है, उसके शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है तथा ‘वर्निक्स’ से जुड़ता है। ‘वर्निक्स’ शिशु की त्वचा की रक्षा करता है, तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और प्राकृतिक प्रतिरक्षा में योगदान देता है।
‘लानुगो’ अलग-अलग शिशुओं में अलग-अलग तरीके से दिखाई देगा। आपकी गर्भावस्था की अवधि के आधार पर यह अनुपस्थित या प्रचुर मात्रा में हो सकता है। आपके परिवार की आनुवांशिकी भी इसमें भूमिका निभाएगी, जिससे बाल हल्के या काले होंगे। हल्के रंग की त्वचा वाले शिशुओं में अक्सर हल्के या रंगहीन ‘लानुगो’ होते हैं, जबकि गहरे रंग वाले बच्चों के बाल गहरे रंग के होते हैं और इसलिए लानुगो गहरे और अधिक ध्यान देने योग्य होते हैं।
इस धारणा के पीछे कुछ सच्चाई हो सकती है कि गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन की समस्या, शिशु के बहुत सारे बालों के साथ पैदा होने की अधिक संभावना से जुड़ी है। अमेरिका में 2006 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि ‘‘जिन महिलाओं को हल्का या अत्यंत अधिक सीने में जलन की शिकायत थी, उनके शिशुओं में औसत या औसत से अधिक बाल थे’’। लक्षणों की गंभीरता शिशु के लिंग या मां की उम्र या वजन से संबंधित नहीं थी। थाईलैंड में 2012 में प्रकाशित एक अध्ययन से भी यह पता चला कि ज्यादातर महिलाएं जो सीने में जलन की शिकायत करती थीं, उनके शिशुओं के बाल औसत या औसत से अधिक होते थे।
ये भी पढ़ें- बांग्लादेश की अदालत ने खारिज की चिन्मय प्रभु की जमानत, जेल भेजने का दिया आदेश...भारत ने जताई चिंता