मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करें पाकिस्तान के अधिकारी : अमेरिका
वाशिंगटन। पाकिस्तान में हजारों लोगों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए रैली निकाले जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान के अधिकारियों से मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का आदर करने तथा देश के कानूनों के प्रति सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान किया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान के आह्वान पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों के सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने के दौरान हुई झड़पों में कम से कम एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
पिछले वर्ष अगस्त से जेल में बंद 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए ‘‘अंतिम आह्वान’’ किया था। यह आह्वान उन्होंने 13 नवंबर को किया था। खान ने कथित तौर पर जनादेश की चोरी, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और संविधान के 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी। संविधान के 26वें संशोधन पर उन्होंने कहा था कि इसने ‘‘तानाशाही शासन’’ को मजबूत करने का काम किया है। खान पिछले साल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी के अनुसार, उन पर 200 से अधिक मामले दर्ज हैं।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पाकिस्तान समेत दुनिया भर में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा और संगठन का समर्थन करते हैं। हम प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने और हिंसा से दूर रहने का आह्वान करते हैं।’’ उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘हम पाकिस्तानी प्राधिकारियों से मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के कानूनों व संविधान के प्रति सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।’’
मिलर ने कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान में लोगों के शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के अधिकार का समर्थन करता है। खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर और खान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को कई महत्वपूर्ण सरकारी भवनों के समीप स्थित डी-चौक पर धरना देने के मकसद से आतंकवाद प्रभावित प्रांत से अपनी यात्रा शुरू की थी।
बेलारूस के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के पाकिस्तान का दौरा किए जाने को लेकर सरकार ने वहां धारा 144 लागू करके रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ‘बैरिकेड्स’ हटा दिए और सुरक्षाकर्मियों से भिड़ते हुए आगे बढ़ गए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने दावा किया है कि पंजाब और इस्लामाबाद में पुलिस ने 3,500 से अधिक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
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