लखीमपुर खीरी: रात के अंधेरे में ढोई जा रही दुधवा की कीमती लकड़ी

कस्बे के प्रमुख मार्ग पर रात में ढोई जाती है लकड़ी, अफसर भी मौन

लखीमपुर खीरी: रात के अंधेरे में ढोई जा रही दुधवा की कीमती लकड़ी

बेलरायां, अमृत विचार। दुधवा टाइगर रिजर्व की बेलरायां वन रेंज के तहत वन कर्मियों की मिलीभगत से जंगल से कीमती लकड़ों का निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिन के उजाले में साइकिलों तो रात के अंधेरे में तांगों और पिकअप में भरकर कीमती लकड़ी बाजारों में बिक्री की जा रही है। तमाम शिकायतों के बाद भी दुधवा नेशनल पार्क प्रशासन इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है।

दुधवा नेशनल पार्क की बेलरायां वन रेंज के तहत वन कर्मियों की सांठगांठ से लकड़कट्टे हावी है। कोई बेगार के नाम पर जंगल में पड़ी बेशकीमती साखू और सागौन की लकड़ी फाड़कर उसे साइकिल से ला रहा है। सूत्र बताते हैं कि कई लोग ऐसे हैं, जो वनकर्मियों से सांठगांठ कर दो सौ से तीन सौ रुपये प्रति साइकिल देकर लकड़ी ला रहे हैं। इन लकड़ियों को स्टेशन रोड स्थित तिराहे पर एकत्र किया जाता है। बाद में उन्हें तांगों और अन्य वाहनों में भरकर तिकुनिया, सिंगाही, निघासन आदि जगहों पर भेजकर बिक्री कर दी दी जाती है। ऐसा ही नजारा रविवार की देर शाम कस्बे में देखने को मिला। एक तांगा चालक बेशकीमती लकड़ी लादकर मुख्य सड़क पर फर्राटा भरता दिखा। सबकुछ देखने के बाद भी दुधवा टाइगर रिजर्व के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

बफरजोन से चोर काट ले खैर के तीन पेड़
दुधवा नेशनल पार्क के बफरजोन के लुधौरी रेंज के तहत चोर जंगल से  खैर की लकड़ी के तीन पेड़ चोरी से काट ले गए। सबूत मिटाने के लिए पेड़ की जडों को कुल्हाड़ी से भई फाड़ डाला। पेडों के काटे जाने की जानकारी वनाधिकारियों को हुई तो रेंजर ने मौका का मुआयना किया है। तीन दिन पहले सिंगाही पुलिस और उत्तर निघासन रेंज बेलरायां की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बेशकीमती सागौन से भरी लकड़ी खैरीगढ़ रोड से बरामद की थी। यह लकड़ी छोटा हाथी में भरकर ले जाई जा रही थी। जिसकी जांच एसडीओ कर रहे हैं। वन विभाग अभी छोटा हाथी से लकड़ी ले जाने वाले लकड़ कट्टों का पता भी नहीं लगा पाई थी कि लुधौरी रेंज के सिंगाही-निघासन मार्ग स्थित खैरी जंगल से चोर तीन खैर के पेड़ काट ले गए। कुल्हाड़ी से पेड़ों की जड़ों को खत्म करने की भी कोशिश की। दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने लुधौरी  रेंजर गजेंद्र सिंह को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। रेंजर लुधौरी गजेंद्र सिंह ने बताया कि अभी मैं मूल्यांकन में व्यस्त हूं। वन अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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